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भूपेश बघेल के पास कोई ठोस आधार या सबूत है तो उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए तथा स्कूल का नाम लेकर पीड़ित परिवार एवं उसकी बच्ची को न्याय दिलाने के लिए सामने आना चाहिए। बिना साक्ष्य के राजनीतिक मंच से स्कूल का बिना नाम लिए गोल मोल शब्दों में बातें करने से स्पष्ट है कि भूपेश बघेल यह सब अपनी राजनीति चमकाने के लिए कर रहे हैं।
भूपेश बघेल ने इस गैर जिम्मेदाराना बयान से स्कूल को बेवजह बदनाम करने के साथ ही वहां पढ़ने वाले बच्चे एवं उनके पालकों को भी भयभीत करने का काम किया है जो कि घोर निंदनीय है। उन्होंने कहा कि
भिलाई की पहचान शिक्षाधानी तथा खेल एवं सांस्कृतिक नगरी की रही है, इसे मिनी भारत भी कहा जाता है। यहां देश के सभी प्रांतों के तथा विभिन्न धर्म को मानने वाले लोग वर्षों से भाईचारे एवं शांति से रहते आ रहे हैं।
एक आधारहीन घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भिलाई की शांति एवं भाईचारे में जहर घोलने तथा यहां के वातावरण को खराब करने के घटिया कृत्य पर उतर आए हैं। अपनी सरकार गंवाने तथा लोकसभा चुनाव हारने के बाद
कांग्रेस के भीतर भूपेश बघेल का कद तेजी से घटता जा रहा है। प्रदेश की राजनीति में उनकी पूछ परख भी कम होती जा रही है।
विष्णु देव सरकार के खिलाफ भी वे कोई बड़ा मुद्दा नहीं उठा पा रहे हैं, ऐसी स्थिति में अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए भूपेश बघेल अब अनर्गल बयानबाजी करने पर उतार आए हैं और बिना किसी सबूत के एक स्कूल का नाम लिए बिना उसे बदनाम करना एवं एसपी जैसे जिम्मेदार पद पर आसीन अफसर को खुलेआम गुंडा कहना उनकी इसी हताशा का परिचायक है। सेन ने कहा कि यदि भूपेश बघेल के पास मामले को लेकर कुछ तथ्य हैं तो उन्हें स्कूल का नाम उजागर करना चाहिए अन्यथा अपनी बेबुनियाद बयानबाजी के लिए उन्हें स्कूल प्रबंधन, दुर्ग एसपी सहित सम्पूर्ण भिलाईयंस से माफी मांगना चाहिए।