प्रेमप्रकाश पांडेय (भिलाई नगर)
जिले के सबसे अनुभवी नेता। पिछले चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में माहौल के बाद भी सिर्फ 2849 मतों से पराजित हुए थे। इससे पहले तीन बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। भिलाई नगर में यूपी व बिहार से जुड़े मतदाताओं की प्रभावी संख्या। इन समाजों में उनकी अच्छी पैठ और पराजय के बाद भी लगातार सक्रियता।
सरल व सहज व्यक्तित्व। सेवानिवृत्त शिक्षक के साथ सतनामी समाज के राज मंहत की पदवी। विधायक रहने के दौरान भी सहज सुलभता व सौम्य व्यवहार। समाज में अच्छी पैठ और कोई भी आरोप अथवा विवाद नहीं। 2013 के चुनाव में ड्रॉप किए जाने के बाद भी पार्टी लाइन से अलग नहीं हुए और लगातार सक्रियता बनाए रखी।
भिलाई नगर निगम में पार्षद। पार्षद के चुनाव में बिना पराजय लगातार पांच बार जीत। पिछले कार्यकाल में निगम में नेता प्रतिपक्ष रहे। भाजपा संगठन में सक्रियता के साथ सेन समाज के जिले के प्रभावी नेता। सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के कारण छत्तीसगढिय़ा समाजों में अच्छी पकड़। प्रदेश स्तर के भाजपा नेताओं से नजदीकी और पार्टी के बड़े आयोजनों में भागीदारी।
गजेंद्र यादव (दुर्ग शहर)
आरएसएस के नेता बिसराराम यादव के बेटे। भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष और संगठन में लंबे समय से सक्रियता। शहर विधानसभा में यादव समाज के वोटर्स की बहुलता। यादव समाज और शहर के मतदाताओं में ठेठ छत्तीसगढिय़ा अंदाज के चलते लोकप्रिय रहे दिवंगत नेता हेमचंद यादव के छवि में फिट। सरल, सहज व निर्विवाद व्यक्तित्व।
संगठन के जिला महामंत्री के रूप में प्रभावी दायित्व। ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में कुर्मि मतदाताओं की प्रभावी संख्या। सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रियता और अच्छी पकड़। इससे पहले भी पिछले तीन चुनाव में यहां से उनकी दावेदारी रही, लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद भी पीछे नहीं हटे और सक्रिय रहे। लगातार सक्रियता के कारण क्षेत्र के प्रत्येक गांव में उनके समर्थकों की संख्या।
दुर्ग लोकसभा के मौजूदा सांसद। विधानसभा में पार्टी की सत्ता जाने के बाद भी प्रदेश में सर्वाधिक साढ़े 4 लाख से भी ज्यादा मतों से जीत। लोकसभा में पाटन के 23 हजार के गड्ढे को पाटकर 27 हजार से अधिक मतों से जीत। वर्ष 2008 के चुनाव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पाटन में पराजित कर चुके हैं। मुख्यमंत्री को चुनाव में टक्कर दे सकने योग्य दूसरा कोई दावेदार नहीं।
इसी तरह वैशाली नगर में सांसद सरोज पांडेय, संगीता शाह, दुर्ग ग्रामीण में पूर्व मंत्री रमशीला साहू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचंदन, सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन और दुर्ग शहर में सांसद सरोज पांडेय, जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, चतुर्भुज राठी, दिवंगत नेता हेमचंद यादव की पत्नी लीला यादव, डॉ. शरदचंद अग्रवाल दावेदारों की दौड़ में थे। इन्हें दरकिनार कर आलाकमान ने नए चेहरों पर दांव लगाया है। दूसरी ओर कांग्रेस की सूची का अभी भी इंतजार है, लेकिन भाजपा के नामों की घोषणा के साथ ही कांग्रेस के संभावित नामों के आधार पर कयासों का दौर भी शुरू हो गया है।