कोरोना संकट के बीच भिलाई स्टील प्लांट से संपूर्ण देश के विभिन्न अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई किया जा रहा है। कार्मिकों के टूल डाउन से ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो सकती थी। प्रबंधन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आज राष्ट्रीय विपदा में ऑक्सीजन संकट को उत्पन्न करना, निश्चित ही एक राष्ट्रद्रोह है। कार्मिकों के इस कृत्य को प्रबंधन ने बेहद गंभीरता से लेते हुए इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ ही पुलिस थाने में इनके विरुद्ध शिकायत की है।
प्रबंधन की ओर से जारी बयाान में बताया गया है कि संयंत्र के पॉवर एंड ब्लोइंग स्टेशन-2 में एक दिन पहले शनिवार को सुबह लगभग 7 बजे, पीबीएस- 2 प्लांट के कुछ कार्मिकों ने एसटीजी 4 के कंट्रोल रूम के अंदर जबरदस्ती व अनाधिकृत रूप से घुसकर स्टीम टर्बो जेनेरटर-4 इकाई का पूरा ऑपरेशन जबरदस्ती बंद कर दिया। इससे बॉयलर प्रेशर बढ़ जाने की वजह से स्टीम टर्बो जनरेटर शट डाउन हो गया और इसके सभी सेफ्टी वॉल्व खुल गए। जिसके कारण 22.5 मेगावॉट पॉवर जनरेशन बंद हो गया। सुबह 7.10 बजे शिफ्ट इंचार्ज को जब यह ज्ञात हुआ कि एसटीजी-4 को जबरदस्ती बंद कर दिया गया है, उसने तत्काल आवश्यक कदम उठाते हुए एसटीजी 4 को पुन: चालू करने की प्रक्रिया प्रारंभ की। एसटीजी-4 के बंद होने से संयंत्र के ऑक्सीजन प्लांट में विद्युत आपूर्ति बंद हो जाती और ऑक्सीजन उत्पादन ठप हो जाता।
सुनील कुमार यादव, अभिषेक सिंह, प्रवीण यादव, सुदीप, काशीनाथ माजी यूआरएम, रामकेश मीणा, पवन सीईडी, सुनील शर्मा, ब्रजेश कुमार सिंह, निशांत राजेश सूर्यवंशी, पीबीएस 2, गया प्रसाद भास्कर, वासुदेव बंजारे पीएनबीएस, नीरज बीआरएम।
भ_ी थाना टीआई भूषण एक्का ने बताया कि रविवार को प्रगति नगर रिसाली निवासी बीएसपी की एक इकाई पावर एंड ब्लोइंग स्टेशन-2 के वरिष्ठ प्रबंधक के प्रेम कुमार (57 वर्ष) ने शिकायत की है कि 24 अप्रेल सुबह 6.56 बजे पॉवर एंड ब्लोइंग स्टेशन-2 के स्टीम टर्बो जनरेटर-4 के ऑपरेटर कम टेक्नीशियन कार्तिक राम भगत ने उन्हें जानकारी दी। आरोपी सुनील कुमार शर्मा, बृजेश कुमार सिंह, उमेश कुमार दास और निशांत सूर्यवंशी स्टीम टर्बो जनरेटर-4 कंट्रोल रुम में जबरदस्ती अनाधिकृत रुप से घुस गए। उसने मना किया। इसके बावजूद इमरजेंसी बटन के कवर को तोड़कर जबरिया स्विच को दबा दिया। स्विच ऑफ कर घटना को अंजाम दिया। सार्वजनिक लोक संम्पति को नुक्कसान पहुंचाया है। मामले में जांच के बाद उक्त आरोपियों के खिलाफ धारा 186, 427, 448, लोक संपति को नुकसानी का निवारण अधिनियम 1984 के तहत जुर्म दर्ज किया है। मामले की जांच के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।