खेती बाड़ी: इस बार बढ़ा चना और सरसों का रकबा
भरतपुर. इस बार पछेती बारिश के बावजूद रबी सीजन में चना एवं सरसों का रकबा बढ़ा है, जबकि गेहूं का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है। गेहूं का लक्ष्य इस बार १.१० लाख हैक्टेयर तय किया है, जो पिछले वर्ष १.२४ लाख हैक्टेयर था। रबी सीजन में भरतपुर जिले में २८ अक्टूबर तक कुल ५८ प्रतिशत क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है, जिसमें सबसे अधिक क्षेत्र में सरसों (करीब ८० प्रतिशत) की बुवाई हुई है।
पछेती बारिश के कारण इस बार लग रहा था कि सरसों का रकबा कम होगा और गेहूं का रकबा बढ़ेगा, लेकिन कृषि विभाग के आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज्यादा सरसों का लक्ष्य तय किया गया है। इस बार २.७० लाख हैक्टेयर में सरसों की बुवाई करना तय किया है, जिसमें से २.१५ लाख हैक्टेयर (करीब ८० प्रतिशत) में बुवाई हो चुकी है। इसके अलावा, गेहूं का लक्ष्य १.१० लाख हेक्टेयर तय किया है, जिसमें से अभी तक सिर्फ ११ हजार ५०० हैक्टेयर (करीब साढ़े दस प्रतिशत) में बुवाई हो चुकी हैै। दलहन की बात करें तो इसमें सिर्फ चने का लक्ष्य ४००० हेक्टेयर तय किया गया है, जिसमें से ६०० हैक्टेयर में अभी तक बुवाई हो चुकी है। जानकारों का मानना है कि इस बार चने की फसल अच्छी रहेगी।
सरसों की बुवाई का समय अभी लगभग पूरा होने वाला है, लेकिन लक्ष्य की तुलना में अभी तक २० प्रतिशत कम क्षेत्र में बुवाई हुई है, लेकिन गेहूं की बुवाई का समय अभी चल रहा है। ऐसे में लगता है कि सरसों की बजाय गेहूं का रकबा लक्ष्य से पार हो सकता है। इसके अलावा, कुछ क्षेत्रों में मसूर की बुवाई भी हो सकती है, लेकिन कृषि विभाग के आंकड़ों में मसूर के लिए लक्ष्य तय नहीं किया है।
७ तक हो सकती है सरसों की बुवाई
यूं तो सरसों की बुवाई अक्टूबर के दूसरे एवं तीसरे सप्ताह में पूरी हो जाती है, लेकिन इस बार बारिश के कारण अभी भी सरसों की बुवाई हो रही है। किसान ज्यादा से ज्यादा ७ नवम्बर तक और सरसों की बुवाई कर सकते हैं। इसके बाद की गई बुवाई पछेती मानी जाती है, जिससे रोग लगने का डर रहता है। दूसरी ओर, गेहूं की बुवाई का सीजन अभी लगभग चालू हुआ है। बुवाई में हो रही देरी को देखते हुए लगता है कि गेहूं का क्षेत्र और बढ़ सकता है।
देशराज सिंह, सयुक्त निदेशक, कृषि, सभाग भरतपुर।
फसल गत वर्ष (लक्ष्य) इस वर्ष (लक्ष्य)
गेहूं १.२४ लाख हैक्टेयर १.१० लाख हैक्टेयर
जौ एक हजार हैक्टेयर एक हजार हैक्टेयर
चना तीन हजार हैक्टेयर ४ हजार हैक्टेयर
सरसों २.५० लाख हैक्टेयर २.७० लाख हैक्टेयर
मैथी ८ हजार हैक्टेयर ७ हजार हैक्टेयर
कुल ३.८७ लाख हैक्टेयर ३.९२ लाख हैक्टेयर