सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त गुरू पुष्य नक्षत्र, क्योंकि गुरुवार लक्ष्मी का दिन पं. मनु मुदगल ने बताया कि लोग दीपावली के एक सप्ताह पहले ही मुहूर्त गणना जानने के लिए बहुत उत्सुक रहते हैं। धनतेरस के शुभ अवसर पर खरीदारी का का जितना महत्व होता है, उससे कहीं अधिक इस बार गुरू पुष्य नक्षत्र पर विशेष संयोग बनना बहुत ही फलदायी है। यह घड़ी 28 अक्टूबर। कालाष्टमी तिथि। दिन गुरुवार, जो बना रहा है गुरू पुष्य नक्षत्र। इस शुभ मुहूर्त में अमृत योग, सर्वार्थ सिद्धि और रवि का योग रहेगा।
हर सेक्टर के लिए फलदायी इस तरह के शुभ मुहूर्त हर सेक्टर के लिए विशेष फलदायी होगा। खासकर नया वाहन, मकान, जमीन जैसी प्रॉपर्टी, आभूषण खरीदना बहुत ही शुभ माना गया है। तीन महायोग के साथ ही जात कर्मा, श्रीमंत संस्कार, अनप्राशन, बोला रोहन, नवीन व्यवसाय प्रारंभ, खाता बही, क्रय-विक्रय, शल्य क्रिया आदि के लिए अच्छा माना गया है। अर्थात् अष्टमी तिथि वैसे ही बहुत ही कल्याणकारी और पक्षकारी मानी जाती है। गुरू पुष्य नक्षत्र सुबह 9.40 बजे से प्रारंभ होकर दूसरे दिन शुक्रवार को 11.37 बजे तक रहेगा। इस दिन चंद्रमा अपनी खुद की राशि में विराजमान रहता है।