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भरतपुर

मृत मानकर कर चुके थे पिंडदान, अचानक 10 साल बाद मिलन!

-पत्नी ने किया साथ रखने से इंकार, एक बेटे की हो चुकी मौत, उत्तरप्रदेश का है निवासी

भरतपुरOct 05, 2024 / 06:30 pm

Meghshyam Parashar

परिजनों ने 10 साल पहले जिसे मृत मानकर पिंडदान कर दिया था। अचानक वो शख्स उनके सामने आया तो उन्हें समझ ही नहीं आया कि वो खुशी जताएं या इस बात का दुख कि उसकी पत्नी ने उसे साथ रखने से इंकार कर दिया है और उसके एक बेटे की मौत हो चुकी है।
हुआ यूं कि अपना घर आश्रम में शनिवार को जब भाई-बहन का 10 साल बाद मिलन हुआ तो सभी की आंखें छलछला आई। बहन सियारानी ने कहा कि भाई के मिलने से सभी त्योहारों की खुशियां दोगुनी हो गई। क्योंकि उन्हें यह विश्वास ही नहीं था कि जीवन में कभी भाई से मिलन होगा क्योंकि इनके परिजन दशरथ को मृत मानकर उनका पिण्डदान आदि सारे क्रिया कर्म कर चुके थे। उत्तरप्रदेश के जिला बांदा के तहसील पवेरू के गांव अमलोहरा के निवासी दशरथ गांव से कुछ दूरी पर ईंट भट्टों पर मजदूरी का कार्य करते थे, लेकिन कुछ समय बाद मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण 10 वर्ष पूर्व बिना बताए वहां से निकल गए। 15 सितम्बर 2024 को दशरथ को शुक्रताल से अपना घर आश्रम भरतपुर में सेवा एवं उपचार के लिए भर्ती कराया गया। सेवा एवं उपचार के बाद दशरथ के स्वास्थ में सुधार हुआ तो इन्होंने अपना पता बताया और अपना घर आश्रम की पुर्नवास टीम की ओर से उनके घर का पता गांव अमलोहरा जिला बांदा उत्तरप्रदेश में ग्राम प्रधान को यहां से सूचना भिजवाई तब प्रभुजी के परिजनों को सूचना मिली।
दशरथ के चाचा राम भवन ने जानकारी देते हुए बताया कि दशरथ करीब 10 वर्ष पूर्व गांव के निकट ही ईंट भट्टे पर मजदूरी करते समय वहां से निकल गए थे। इनको काफी तलाशा गया, लेकिन कहीं पता नहीं चला। इसके बाद इनको मृत समझ कर मृत्यु उपरांत होने वाले सभी क्रिया कर्म परिजनों की ओर से किए गए, लेकिन अपना घर से कुछ दिन पहले दशरथ की सूचना इनके परिजनों को मिली तो परिजनों की खुशी का ठिकाना न रहा। दशरथ के तीन बच्चे हैं जिनमें दो बेटे व एक बेटी है वहीं इनमें से छोटे बेटे की बीमारी के कारण मृृत्यु हो चुकी है। एक बेटा और बेटी को लेकर इनकी पत्नी इनके छोटे भाई के साथ रहती है। दशरथ के दोनों हाथों के पंजे कटे हुए हैं। बहन सियारानी व बहनोई कमल ने बताया कि भट्टे पर काम करते समय दशरथ के दोनों हाथ सही थे, लेकिन मानसिक अस्वस्थता के कारण निकलने के बाद किसी दुर्घटना में उनके दोनों हाथों के पंजे अलग हो गए। बहन सियारानी ने बताय कि अब घर पहुंचकर अपनी मां के साथ जीवन यापन करेंगे, क्योंकि इनके परिजनों ने बताया कि पत्नी ने रखने से साफ इनकार कर दिया है।

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