हकीकत यह… कागजों में पैनल्टी, विभाग ने साधी चुप्पी हर बार अवैध खनन का मामला सामने आने के बाद पहले तो खनिज विभाग के अधिकारी उसे मानने से ही इंकार कर देते हैं, लेकिन जब जांच के बाद पुष्टि हो जाती है तो खननमाफिया को बचाने का खेल शुरू हो जाता है। मामला यहां तक ही नहीं रुकता, खननमाफिया को बचाने के इस खेल में खनिज विभाग से लेकर प्रशासन व पुलिस का भी पूरा सहयोग मिलता है। यही कारण है कि भले ही खनिज विभाग की ओर से कागजों में अवैध खनन के नाम पर पैनल्टी लगा दी जाती है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा ही किया जाता है।
बगैर नियमों के खोल दिए सीज स्टोन क्रसर एनसीआर में पाबंदी के बाद भी संचालित करने पर पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से पहाड़ी, वैर-भुसावर के कुछ स्टोन क्रसरों को सीज किया था, लेकिन एक बार पाबंदी हटते ही अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर उन्हें खोल भी दिया। बताते हैं कि यह सारा खेल रसूख के दबाव में किया गया। जबकि नियमों के तहत यह है कि कोई भी सीज की कार्रवाई होने के बाद भी बगैर मुख्यालय की स्वीकृति के बाद ऐसा नहीं किया जा सकता है, लेकिन यहां अधिकारियों ने नियमों को तोड़ते हुए स्टोन क्रसर्स पर खूब मेहरबानी बरती है।