रसूखदार कर रहे माफिया का बचाव अवैध खनन माफियाओं के रसूखात के चलते उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती, जब भी अवैध खनन का मामला पकड़ में आता है तो उस लीज धारक को रसूखदार उसे बचाने में जुट जाते हैं। यहां वैध की आड़ में अवैध खनन इन्हीं रसूखदारों के इशारों पर होता है। खास बात यह है कि माफिया का बचाव करते हुए रिपोर्ट में आमजन को नामजद किया जाता है, जिनसे अवैध पत्थर की वसूली नहीं हो पाती है। जानकारों का कहना है कि जब भी आवश्यकता पड़ती है तो मुख्य खनन माफिया अपने रसूख का उपयोग कर निर्दोश लोगों के नाम बताकर कार्रवाई को अंजाम दिला देता है।
अवैध विस्फोटक का उपयोग क्षेत्र पर खतरा आए दिन खनन के लिए पहाड़ों में होने वाली ब्लास्ंिटग से आसपास के मकान थर्राने लगे हैं। ब्लास्टिक की धमक कस्बों सहित आसपास के गांवों में भी सुनाई पडऩे लगी है। पहाड़ों में अवैध विस्पोटक सामग्री का मिलना तो संकेत मात्र है। आलम यह है कि लालच मेंं नियमों को ताक पर रखकर विस्फोटक सामग्री का चेचान धड़ल्ले से किया जा रहा है। क्षेत्र में जगह-जगह विस्फोट सामग्री के गोदाम संचालित हैं, जो नियमों धज्जियां उड़ाकर विस्फोटक सामग्री बेच रहे हैं।