जानकारी के अनुसार 10 दिन पहले बाबा हरिबोलदास की ओर से आदिबद्री व कनकांचल पर्वत को खनन मुक्त कराने की मांग को लेकर 19 जुलाई को जयपुर में मुख्यमंत्री आवास के सामने खुद को आग लगाकर आत्मदाह की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद प्रशासन ने वार्ता कर समय मांगा था। इस पर आत्मदाह को स्थगित कर दिया गया था। 19 जुलाई की सुबह गांव पसोपा में ही बाबा नारायणदास मोबाइल टॉवर चढ़ गए। दो बार वार्ता होने के बाद भी सहमति नहीं बनने पर वह मोबाइल टॉवर से नहीं उतरे। इसको लेकर बुधवार को कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के साथ वार्ता कराने का निर्णय लिया गया था, लेकिन वार्ता से पहले विजय बाबा ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की, इससे प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। इसके बाद जिला कलक्टर आलोक रंजन, आईजी गौरव श्रीवास्तव, एसपी श्याम सिंह, संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने साधु-संतों से बात कर नारायणदास बाबा को मोबाइल टॉवर से उतारा। तब जाकर दोनों के बीच वार्ता हुई। वार्ता के बाद कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह को गांव पसोपा स्थित धरना स्थल पर बुलाया गया। जहां कैबिनेट मंत्री सिंह ने आश्वासन दिया कि अगले 15 दिन में आदिबद्री व कनकांचल पर्वत को लेकर जो मांग की गई है, वह पूरी हो जाएगी।