अब नहीं मिलेगा मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट
अब तक विद्यार्थियों और शिक्षकों को भरोसा था कि नई सरकार की कार्ययोजना में उनकी जरूरतों को ध्यान में रखा जाएगा, लेकिन संशोधित कार्ययोजना आने के बाद निराशा मिली है। अब इसमें से तीन बिन्दुओं को हटा दिया गया है। इनमें मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण, शिक्षक तबादला नीति बनाने और डीपीसी के लिए नियमों में संशोधन शामिल है। इनमें मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण, शिक्षक तबादला नीति बनाने और डीपीसी के लिए नियमों में संशोधन शामिल है। प्रदेश और जिले में विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए 13 जनवरी को 100 दिन की कार्ययोजना तैयार की गई थी। इस योजना में मेधावी विद्यार्थियों को 60 दिन में लैपटॉप वितरण करने की समय सीमा तय की गई थी। पिछले तीन साल से इंतजार कर रहे वरिष्ठ अध्यापकों की डीपीसी को भी इसमें शामिल किया गया था। इसमें राजस्थान शिक्षा सेवा नियम में संशोधन कर बकाया डीपीसी करने के लिए 100 दिन की समय सीमा तय की गई थी, लेकिन अब इस बिंदु को भी हटा दिया गया है।
तबादले का ड्राफ्ट गायब, होगी विशेष कमेटी
राज्य सरकार ने शुरुआती कार्य योजना में शिक्षकों के तबादलों के लिए पारदर्शी नीति का 30 दिन में ड्राफ्ट तैयार करना तय किया था, लेकिन संशोधित प्रस्ताव में उसे भी हटा दिया गया है। नई कार्य योजना में एक विशेष कमेटी के गठन का जिक्र है, जो शिक्षकों की सभी तरह की समस्याओं का समाधान करेगी।
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यह कार्य प्रस्तावित
नई कार्य योजना में सरकार ने स्कूलों में स्वच्छता, 1500 स्कूलों में स्काउट गाइड की गतिविधियां शुरू करने, शिक्षकों के करियर मार्गदर्शक पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण, आईईसी मेटेरियल उपलब्ध करवाने, सार्वजनिक पुस्तकालयों में 15 दिन से युवा महोत्सव आयोजित करने, संभाग स्तर पर पुस्तक मेलों का आयोजन, पीएमश्री स्कूलों में वर्चुअल लैब विकसित करने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण व केंद्रों में चाइल्ड फ्रेंडली फर्नीचर, पांचवी तक के बच्चों का हॉलिस्टिक कार्ड बनाने, सरकारी स्कूलों में एक हजार कक्ष निर्माण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शिविर व शिक्षकों को प्रशिक्षण तथा कक्षा एक से आठ के लिए कंप्यूटर शिक्षण के लिए पाठ्य पुस्तक तैयार करवाने सरीखे कार्य शामिल किए हैं।
अब ये किया शामिल
सरकार ने संशोधित कार्ययोजना में लिखा है कि शिक्षा विभाग की सभी रिक्तियों को एक वर्ष के अंदर भरने के संकल्प पत्र के तहत राज्य सरकार की नीति एवं न्यायालय निर्णय अनुसार अधिक से अधिक व्याख्याता एवं वरिष्ठ अध्यापक के पदों पर नियुक्तियां होंगी।