राजस्थान में ऐसी दीवार, जिस पर कभी दौड़ते थे घोड़े, चांदी की करनी से किया था निर्माण
किले की खासियत
किले को बनाने में विशेष तकनीक का प्रयोग किया गया था, इससे बारूद के गोले भी किले की दीवार से टकराकर बेअसर हो जाते थे।
किले के निर्माण के समय पहले चौड़ी और मजबूत पत्थर की ऊंची दीवार बनाई गई। इस पर तोपों के गोलों का असर नहीं होता था।
इन दीवारों के चारों ओर सैकड़ों फुट चौड़ी कच्ची मिट्टी की दीवार बनाई गई और नीचे गहरी और चौड़ी खाई बना कर उसमें पानी भरा गया। दुश्मन पानी को पार कर भी गया तो सपाट दीवार पर चढऩा संभव नहीं होता था।
इस किले पर कब्जा जमाने के लिए अंग्रेजों ने 13 बार आक्रमण किया था। अंग्रेजी सेना ने यहां सैकड़ों तोप के गोले बरसाए थे, लेकिन किले पर कोई असर नहीं हुआ। अंग्रेजों की सेना हताश होकर चली गई थी।
राजस्थान में यहां धरती उगलती है तांबा, बिछी हैं भूमिगत रेल पटरियां
फैक्ट फाइल
पूर्व महाराजा सूरजमल ने 289 साल पहले कराया था निर्माण
13 बार अंग्रेजों ने आक्रमण किया इस किले पर
1050 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर है स्थित