विशिष्ट लोक अभियोजक महाराज सिंह सिनसिनवार ने बताया कि एक महिला ने गत 22 नवम्बर 2016 को पुलिस अधीक्षक को एक परिवाद दिया। जिसमें बताया कि जिले के एक गांव का निवासी परिवार के लोग परिचित थे और उनका घर पर आना.जाना था। उक्त व्यक्ति की पत्नी ने फोन कर उन्हें गांव में आने के लिए बुलाया। जिस पर महिला अपनी दो बच्चियों के साथ गत 19 नवम्बर 2016 को गांव पहुंच गई। यहां उसी शाम बेटी रोती हुई आई। उसके कपड़े खराब हो रहे थे। पूछने पर उसने परिचित के पुत्र द्वारा घिनौनी हरकत करना बताया। जिस पर वह गाड़ी लेकर गांव से जाने लगी। जानकारी होने पर उसके पिता आ गए और रोकने का प्रयास किया और गाड़ी के टायरों की हवा निकाल दी। लेकिन महिला अपनी बच्चियों को लेकर कार को हाइवे तक ले आई और यहां सही कराकर वह अपने घर निकल गई। घर पहुंचने पति को घटना से अवगत कराया। जिस पर अपने जिले में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिस ने संबंधित जिले में ही रिपोर्ट होने की बात कही। घटना स्थल वाले थाने पर पहुंचे तो रिपोर्ट दर्ज नहीं कीए जिस पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच परिवाद दिया। जिस पर मामला दर्ज हो सका। कोर्ट ने मामले में आरोपी व्यक्ति पोस्को एक्ट की धारा 3/4 के तहत आजीवन कारावास और 30 हजार रुपए जुर्माना तथा पोस्को एक्ट की धारा 5 के तहत आजीवन कारावास और 30 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। कोर्ट ने जुर्माना जमा होने पर पीडि़ता को देने और साथ ही प्रतिकर योजना के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजने के आदेश दिए हैं।