धौलपुर के इस शहर में 70 साल बाद भी नहीं बदले गए बिजली के पोल, अब बारिश में करंट मार रहे जर्जर पोल
जमीन के टुकड़े के लिए बने जानी दुश्मन बता दें कि शहर में काली की बगीची शीशम रोड पर बड़े भूखंड को लेकर कृपाल जघीना एवं कुलदीप जघीना में विवाद चल रहा था। कुलदीप इस जमीन पर निर्माण करा रहा था, जबकि कृपाल ने इस पर स्टे ले लिया था। इसके बाद दोनों में ठन गई और दोनों एक दूसरे की जान के दुश्मन बन गए। इस भूखंड पर सेटलमेंट कर जमीन से जुड़े सभी लोगों को निकालकर कुलदीप जघीना इस बेशकीमती जमीन को खरीदकर करोड़ों रुपए का सौदा कर पैसा कमाना चाहता था। कृपाल सिंह के स्टे लेने पर दोनों में विवाद हो गया।राजस्थान में गैंगस्टर कुलदीप जघीना को गोलियों से भूना, पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्ची झोंककर मारी गोली
गोलियों से भूनकर हुई थी कृपाल की हत्या इस जमीन के टुकड़े को पाने के लिए कुलदीप जघीना इतना बौखला गया था कि उसने कृपाल जघीना को रास्ते से हटाने की ठानी। इसके बाद एक गैंग को ये काम सौंपा गया। 4 सितंबर 2022 को जब कृपाल जघीना जब रात को अपने घर जा रहे थे, उसी वक्त जघीना गेट पर 3 बाइक और 2 कारों में सवार होकर आए बदमाशों ने उन्हें रोका और ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया। 48 साल के कृपाल जघीना जमीन कारोबारी थे। उनके खिलाफ भी कुछ मामले दर्ज थे। रेलवे सलाहकार समिति का सदस्य भी थे।
उसी अंदाज में हुई कुलदीप की हत्या इस हत्याकांड के 10 महीने बाद बुधवार को गैंगस्टर कुलदीप जघीना को भी उसी अंदाज में मौत के घाट उतार दिया गया। कुलदीप को जयपुर जेल से भरतपुर कोर्ट लाया जा रहा था। कुलदीप पुलिसवालों के साथ बस से भरतपुर आ रहा था। इस दौरान जैसे भी बस जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे पर अमोली टोल प्लाजा के पास रुकी बदमाश अंदर घुस गए। उन्होंने पहले तो पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्ची झौंकी। इसके बाद करीब 15 राउंड फायरिंग कर कुलदीप की हत्या कर दी। इस हमले में विजयपाल घायल हो गया। दोनों आरोपी जयपुर सेंट्रल जेल में बंद थे।