13 नवंबर को सोमवती अमावस्या का संयोग रहेगा, जो तीर्थ स्थलों पर स्नान, पूजा पाठ के लिए विशेष शुभ रहेगा। पं. राममोहन शर्मा के अनुसार दिवाली का पर्व रात्रि व्यापिनी अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। जिस दिन रात्रि में अमावस्या रहती है, उस दिन दिवाली पर्व होता है। इस बार अमावस्या तिथि दो दिन रहेगी। अमावस्या 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 46 मिनट पर आएगी और अगले दिन 2 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 12 नवंबर को दिवाली पर्व मनाया जाएगा, वहीं 13 नवम्बर को स्नानदान की अमावस्या रहेगी।
इस दिन सोमवार होने से सोमवती अमावस्या भी रहेगी। पं. मनु मुदगल के अनुसार दिवाली पर इस बार कई शुभ योग रहेंगे। इस बार दिवाली पर आयुष्मान योग, बुधादित्य योग, आदित्य योग, लक्ष्मी योग का संयोग रहेगा, जो सुख समृद्धि, एश्वर्य प्रदान करता है। दिवाली के दिन इन योगों का होना अत्यंत शुभकारी है। दिवाली का पर्व कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या का जाता है। 12 नवम्बर को अमावस्या तिथि रात्रि में रहेगी, इसलिए इसी दिन दिवाली मनाई जाएगी।
कब क्या…
12 नवंबर दिवाली, लक्ष्मीपूजा
13 नवंबर सोमवती अमावस्या
14 नवंबर गोवर्धन पूजा
15 नवंबर भाई दूज
बीते वर्ष भी 6 दिन का था दीपोत्सव
दिवाली उत्सव पिछले साल भी छह दिन का था। पिछले साल दिवाली के अगले दिन सूर्यग्रहण था, इसके चलते एक दिन बाद गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया गया था। इस बार भी 12 को दिवाली और 14 नवम्बर को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा।