खंगाले जाएंगे ये दस्तावेज जांच के दौरान वितरित ऋ ण राशि और ब्याज अनुदान पेटे राशि का पुनर्भरण, ऑडिट की स्थिति, खातों का मिलान, अंतर संबंधी विवरण, बीमा की स्थिति, विभिन्न मदों में व्यय, विभाग और बैंक से जाने वाले प्रपत्र और दिशा-निर्देशों की पालना की स्थिति को बारीकी से देखा जाएगा। निरीक्षण दल बैंक की हिस्सा पूंजी, कोष प्रबंधन, विनियोग, अमानतें, बैंकिंग और सोसायटी अधिनियम की पालना, उधार, ऋ ण अग्रिम, बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की स्थिति, मांग, वसूली, बकाया की स्थिति, एनपीए, सीआरएआर, लेखांकन प्रणाली, कम्प्यूटराइजेशन की स्थिति, ऋ ण वितरण की स्थिति के दस्तावेज खंगाले जाएंगे। जांच के बाद यदि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ विभाग कड़ा कदम उठाएगा।
री-कंसलेशन भी हो सकती है बड़ी वजह सूत्रों की मानें तो प्रदेशभर में रि कंसलेशन (अंक मिलान) लंबे समय से नहीं हुआ है। हालांकि यहां बैंक प्रबंधन ने दावा किया है कि सितंबर माह तक का री कंसलेशन हो चुका है। साथ ही कुछ स्थानों पर बैंकों का यह मामला भी सामने आया था कि फर्जी खाता बनाकर वहां राशि डाल दी जाती है, ताकि ऑडिट में उसका पता भी नहीं चलता है।
चार माह पहले एमडी भी हो चुके हैं निलंबित जिले में अल्पकालीन फसली ऋ ण लेने वाले करीब 77000 किसानों का जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा नहीं कराने के मामले में राज्य सरकार ने कुछ महीने पहले दी भरतपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के एमडी रामप्रसाद मीणा को भी निलंबित कर दिया था। उस समय भरतपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (सीसीबी) की नदबई शाखा से स्वयं सहायता समूहों को बांटे गए लोन में भी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं। हकीकत यह है कि पिछले कुछ सालों के दौरान इस बैंक में कई भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं। यही कारण है कि यहां आए दिन प्रबंधन व समिति के बीच विवाद होते रहे हैं। एक बार तत्कालीन जिला कलक्टर ने भी जांच के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा था।