कृपाल जघीना शहर में सस्ती और विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने सोमवार दोपहर को पैतृक गांव जघीना ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया। मौके पर एमआईयू (मोबाइल इन्वेस्टीगेशन यूनिट) ने फोटोग्राफी कर साक्ष्य जुटाए।
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खीर खाने की ख्वाहिश रह गई अधूरी
बच्चे घर इंतजार कर रहे थे। रात गहराने के साथ पत्नी की आशंका भी गहरा रही थीं। इसको लेकर पत्नी ने कृपाल को फोन किया। पत्नी से बात करते हुए कृपाल ने खीर खाने की ख्वाहिश जाहिर की। सर्किट हाउस से फोन कर कृपाल ने पत्नी को कहा कि मैं आ रहा हूं। खीर बनाकर तैयार रखना।
इस पर पत्नी ने खीर तैयार भी कर ली थी, लेकिन कृपाल खीर नहीं खा सकेगा। इसका उसे कतई इल्म नहीं था। कृपाल की मौत के बाद बिलखती पत्नी को देख हर आंख नम नजर आई। पत्नी के मुंह से बार-बार यही शब्द दोहराए गए कि मेरी खीर बनी ही रह गई। बेटी की आंखों से बहते आंसुओं को देख मौजूद लोगों का गला भी रुंध आया।
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कार के आगे लगाई कार, फिर दनादन फायरिंग
मृतक के भाई सतवीर के अनुसार उसका भाई कृपाल रविवार रात्रि को अपनी गाड़ी से घर लौट रहा था। पूर्व नियोजित षड्यंत्र के तहत कुलदीप पुत्र कुंवरजीत, कुंवरजीत पुत्र बलराम, विजयपाल उर्फ भूरा पुत्र वीरो, हरपाल पुत्र वीरो, प्रभाव उर्फ भोला पुत्र महावीर, शेर सिंह उर्फ भोला पुत्र सतीश, मोना पुत्र केशव, सुधांशु गौड पुत्र अजय, कौशल हन्तरा, योगराज उर्फ टिंकू चाहर और अन्य करीब 8 -10 लोगों ने कृपाल की गाड़ी को जघीना गेट पर घेर लिया।
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आरोप है कि आरोपी एक कार, एक बुलट मोटरसाइकिल पर दो बदमाश और दो अन्य मोटर साइकिलों पर दो-दो बदमाश सवार होकर आए थे। आरोपियों ने पीछे से आकर कृपाल की गाड़ी को जघीना गेट के सामने पुलिया के पास आगे गाड़ी लगाकर रोक लिया। इसके बाद आरोपियों ने गाड़ी में सवार कृपाल पर दनादन फायर किए, जिससे कृपाल की मौत हो गई।