दरअसल पूरा मामला यूं है कि जिले के बरवां गांव में जर्जर हो चुके आयुर्वेद अस्पताल को बनवाने के लिए एक युवक ने भाजपा जिलाध्यक्ष विनय श्रीवास्तव को फोन कर कहता है कि कोई विधायक, सांसद और संगठन ध्यान नहीं दे रहा है, ऐसे में अस्पताल कैसे बनेगा। इस ओर से नाराज होते हुए जिलाध्यक्ष किसी धीरेंद्र दुबे का नाम लेते हुए कहते हैं कि वो उस जाति विशेष के ठेकेदार बनते हैं, वो अस्पताल नही बनवा रहे क्या। एनकाउंटर में मर चुके विकास दुबे की आत्मा से अस्पताल बनवा लो। इसके बाद चुनाव में वोट देने की बात आती है तो जिलाध्यक्ष कहते हैं क वोट मत देना, तुम्हारे वोट न देने से क्या हो जाएगा।
इसे लेकर जब जिलाध्यक्ष विनय श्रीवास्तव से बात की गयी तो उन्होंने सफाई पेश करते हुए कहा कि यह ऑडियो कई महीने पुराना है जिसे उन्हें बदनाम करने के लिए उन्हें उकसा कर रिकार्ड किया गया। जिस समय कानपुर में हुऐ विकास दुबे के इनकाउंटर को लेकर हमारी पार्टी और और संगठन के अंदर कुछ लोग इसको जाति विशेष का एंगल देना चाहते थे, जिसमे एक संगठन के पदाधिकारी धीरेंद्र दुबे भी थेँ उन्होंने इस इनकाउंटर को लेकर मुख्यमंत्री की काफी आलोचना की थी, जिसके फलस्वरूप हमने उनको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ पद से भी हटा दिया था।
इसे लेकर यह लोग पूरे मामले को जातिगत एंगल देना चाहते थे और यही लोग बार-बार फोन कर उकसा रहे थे ताकि मेरे मुंह से कुछ निकल जाए। उन्होंने स्वीकार कयिा क ये बातें गुस्से में मेरे मुंह से निकल गयी जबकि अस्पताल का जीर्णोद्धार जल्द पूरा हो जाएगा। मेरा किसी जाति विशेष से कोई विरोध नही है, हम सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं।
By Mahesh Jaiswal