वहीं पता लगा कि नगरपालिका में शिविर लगा है, लाड़ली बहना में आवेदन का अंतिम दिन है। तो कदम उधर की ओर उठ पड़े। कई महिलाएं लाड़ली बहना योजना में आवेदन करने आईं थीं। चंद्रशेखर वार्ड की सुनीता काले से अनुभव के बारे में पूछा तो बोलीं, पंजीयन हो गया है और मैं बेहद खुश हूं। यहां से अपनी बाइक का रुख गांवों की ओर किया और जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर आगे बैतूल बाजार रोड पर ग्राम बटामा पहुंचा। यहां बजरंग मंदिर के पास चाय की दुकान चाले वाले माखन से हालात के बारे में पूछा तो बोले, साहब अपना करेंगे तभी खाएंगे। सरकार कुछ नहीं करती। बिना गारंटी के लोन ही नहीं दिया जा रहा है। आगे बढ़े तो बैतूलबाजार बस स्टैंड पर किसान अनिल वर्मा मिले। वर्मा बोले-सड़क, पानी, बिजली तो ठीक है, खाद-बीज के लिए हर बार संघर्ष करना पड़ता है। अभी ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गई। फसलों का सर्वें भी हो गया। मुआवजा अभी तक नहीं मिला।
हर चीज के दाम बढ़े, किसान के अनाज के नहीं बढ़े
यहां से अपना रुख मुलताई विधानसभा की ओर किया। बेहतरीन फोरलेन सड़क से 35 किलोमीटर का सफर करके करीब आधे घंटे में सांईखेड़ा-ससुन्द्रा चौक पहुंचा। चौक पर बैठे गणेश साहू, पप्पू बारस्कर ने बताया कि अभी कोई खास समस्या नहीं है। सड़क वगैरह अच्छी हो गई है। मां ताप्ती पर कॉरिडोर बनाने की घोषणा हुई है। यह बन जाए तो और अच्छा हो जाएगा। बस स्टैंड पर गुणवंत बर्डे की मोटरबाइंडिंग की दुकान है। यहां कुछ लोग जमा थे। उनसे चर्चा छेड़ी तो प्रदीप सोनी बोल पड़े। कहने लगे, आज हर चीज खाद, बीज, बिजली के दाम बढ़ गए हैं। सिर्फ किसान के अनाज के दाम ही नहीं बढ़े हैं।
मुलताई को जिला बनाने की मांग
साईंखेड़ा से पवित्र नगरी मुलताई पहुंचा तो वहां पवन पवार ने बताया ट्रेनों के कम ठहराव की समस्या बताई। उन्होंने कहा कि यहां ट्रेनों के स्टॉपेज ही नहीं हैं। नागपुर और भोपाल जाने में परेशान होना पड़ता है। मोहित पाल ने बताया कि मुलताई को जिला बनाने की मांग की जा रही है। यहां से आगे भैंसदेही बस स्टैंड पर मेडिकल दुकान पर बैठे दिनेश कोसे बोले नगर में इतनी कोई समस्या नहीं है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को गर्मी में पानी के लिए परेशान होना पड़ता है।
राजा गावंडे कहने लगे सरकार अच्छा काम कर रही है। सड़क बहुत अच्छी हो गई है। महिलाओं के लिए लाड़ली बहना योजना लाई है। बस स्टैंड से सांवलमेंढा गांव में साप्ताहिक बाजार में आए ग्राम पाटाखेड़ा के सुखलाल धुर्वे ने कहा, हमारे गांव में धर्मांतरण की बड़ी समस्या है। ग्राम माथनी के संतोष सिरसाम ने कहा कि गांव के लोगों को रोजगार के लिए महाराष्ट्र जाना पड़ता है। सुरेलाल कुमरे धायवानी बोले, हमारे गांव में तो इलाज की सुविधा ही नहीं है।