यह भी पढ़ें:
Vegetables Price Hike: अहा टमाटर नहीं मजेदार! आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, यहां जानिए ताजा Rate धमधा ब्लॉक के किसान
टमाटर की खेती करने में सबसे आगे हैं। धमधा में कम बारिश व सिचांई के समुचित साधन नहीं होने के कारण धान की फसल में किसानों को नुकसान होता था। बहुत से किसान सोयाबीन की खेती करने लगे थे। इसमें किसानों के सामने बाजार की समस्या आई। फिर इक्का दुक्का किसानों ने टमाटर की खेती करना शुरू किया। धमधा ब्लाक के ग्राम जाताघर्रा के किसान जालमसिंह पटेल टमाटर की खेती से अपनी पहचान बनाने वाले किसानों में हैं। उन्होंने खुद खेती की और अन्य किसानों को भी प्रेरित किया। इसका असर यह हुआ कि अन्य किसान भी टमाटर की खेती करने लगे।
पहले अपने लिए सीमित मात्रा में उगाते थे टमाटर
पहले
किसान अपनी बाड़ी में अपने परिवार के लिए ही टमाटर के साथ मिर्च धनिया आदि बहुत सीमित मात्रा में उगाते थे। अपनी उपज अपने गांव या आसपास के गांव के बाजार हाट तक पहुचाने वाले किसान भी बहुत कम होते थे। जिसके कारण आज की तरह बारहों महिने बाजार में टमाटर नहीं मिलता था। ग्राम चंगोरी के किसान तुलसीराम देशमुख बताते हैं कि पहले इक्का दुक्का किसानों ने टमाटर की खेती शुरू की। मुनाफा अच्छा हुआ तो अन्य किसानों का रूझान भी बढ़ने लगा। आज तो टमाटर के कारण ही हजारों किसान संपन्न हो गए हैं। वे अपनी उपज पड़ोसी राज्यों में बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं।
धान के बाद सबसे अधिक पैदावार
बोड़ेगांव के किसान रविप्रकाश ताम्रकार बताते हैं किसान टमाटर की जमकर खेती कर रहे हैं। जो किसान बड़ी में थोड़ी बहुत टमाटर उगा लेते थे वे आज पांच से 25 एकड़ तक में टमाटर की खेती कर रहे हैं। धमधा ब्लाक में ज्यादा लाभ के कारण करीब 70 फीसदी किसान टमाटर की खेती करते है। धमधा के ग्राम परसुली के किसान राधेश्याम पटेल बताते हैं कि गांव में लगभग सभी किसान टमाटर की खेती करते हैं। यहां करीब 175 एकड़ में टमाटर की खेती होती है। बोड़ेगांव,सिलीडीह, कन्हारपुरी, पथरिया, डोमा, जाताघर्रा, गाड़ाघाट, दानी कोकड़ी, घसरा, खिलोरा, सुखरीकला, माटरा, गोता समेत आसपास के गावों में धान के बाद सबसे अधिक टमाटर की खेती की जा रही है। जिसके कारण आज प्रदेश में सबसे अधिक लगभग 1 लाख 95 हजार मिटरिक टन टमाटर की पैदावार अकेले दुर्ग जिले में हो रही है।