24 केन्द्रों में है 60 हजार क्विंटल से अधिक का स्टाक
जानकारी हो कि धान बेचकर किसान प्राप्त रकम से रबी फसल में खर्च करते है। वही पूर्व सीजन के दौरान हुए खर्च का हिसाब करने के लिए किसानों को धान बेचने के बाद रकम आने का इंतजार होता है ,पर जिले के अलग अलग शाखा के 15 हजार से अधिक ऐसे
किसान हैं जिन्हे धान बेचने के बाद भी 244 लाख का भुगतान नही मिला है। खाते में भुगतान की राशि नहीं आने की वजह से किसानों की अर्थव्यवस्था प्रभावित होने लगी है।
किसानों ने बताया कि धान बेचने के कई दिन बाद भी उनको रकम नही मिला है। आमतौर पर 24 या 48 घंटे में रकम मिल जाना था पर ऐसा नहीं हुआ है। बैकों में पहुचकर रकम की जानकारी लेने वाले किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। हांलाकि सहकारी बैक के जिम्मेदारों का कहना है कि रकम डाला जा रहा है, कभी- कभी समय लग जाता है। प्रक्रिया की वजह से भी देरी हो जाती है।
244.87 करोड़ का भुगतान अटका
जिले में 14 नवंबर से अब तक 137689 किसानों से 1695 ़11 करोड़ का धान खरीदा जा चुका है। जिलें में धान बेचने के बाद 122663
किसानों को 1450 21 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। इसके बाद बचत 15026 किसानों के 244.87 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है। जिले में धान बेचने के बाद समितियों द्वारा किसानों से 392.94 करोड़ की वसूली करने के बाद रकम 1302 17 करोड़ का शुध्द भुगतान खाते में डाले गए है। चर्चा के दौरान किसानों ने बताया कि धान बेचने के बाद मिलने वाले रकम से उन्हारी फसल पर खर्च कर खेती करते है। इस बार रकम देर से मिलने से परेशानी हो रही है।
129
धान खरीदी केन्द्रों में से 24 धान खरीदी केन्द्र ऐसे हैं जहा पर कम से कम 61 हजार क्विंटल धान और अधिकतम 86651 क्विंटल धान का स्टाक है। अधिक भंडारण होने की वजह से प्रभावित केन्द्रों में संबलपुर, पुटपुरा, सोढ़, हसदा,दाढ़ी, झाल, नांदघाट, मुरता ,कटई, कुंवरा, सेमरिया, सल्धा, बदनारा, बारगांव, बेमेतरा, नवांगढ़, कठिया, रनबोड़, पेन्डीतराई, लोलेसरा, कुरदा, ,मल्दा, टेमरी, झाल एन, गोढ़ीकला, सैगोना शामिल हैं।
शेष किसानों को धान बेचने की चिंता
जिले में धान खरीदी प्रांरभ होने के बाद से अब तक धान का उठाव की समस्या लगातार बनी हुई है। जिले के 129 धान खरीदी केन्द्रों में पंजीकृत
किसानों की संख्या को देखते हुए 83 फीसदी से अधिक किसानों का धान खरीदा जा चुका है। धान खरीदने के बाद केन्द्रों में रखे गए धान में से 37 शीसदी से भी कम धान का उठाव हो पाया है। 129 केन्द्राें में 736753 टन धान खरीदा जा चुका है।
जिसमें से 23571 60 टन का डीओ जारी किया गया है। परिवाहनकर्ता व मिलर मिलाकर कुल 268382 ़49 फीसदी धान का उठाव हो पाया है। जिसके बाद बचत 468370 51 टन का परिवाहन किया जाना बाकी है। केन्द्रों में भारी जद्दोजहद के बाद भी 63 फीसदी धान का भंडारण रखा हुआ है।
83 फीसदी किसान बेच चुके हैं धान
जिले में जारी उपार्जन सीजन के दौरान धान बेेचने के लिए 142235 छोटे एवं सीमान्त
किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। जिसमें से अब 119738 किसानों द्वारा धान बेचा जा चुका है। इसके बाद अब केवल 22497 किसानों का धान आना बाकी है। इसी तरह 22464 बढे़ किसानों द्वारा धान बेचने के लिए पंजीयन कराया गया है।
पंजीयन कराने वाले 10702 किसान धान बेच चुके हैं। बचत 4501 किसानों का धान आना बाकी है। जिले में इस बार कुल पंजीकृत किसानों में से 137701 किसानों के धान बेचने के बाद अब केवल 268 किसान का धान खरीदा जाना बाकी है।