पुलिस ने साजा थाना क्षेत्र के ग्राम बिरनपुर में बीते 10 अप्रैल को अजय रजक, प्रवीण कुमार साहू, संदीप साहू, प्रदीप रजक, दिनेश रजक, दुर्गेश वर्मा, मनीष धु्र्वे व शिवा मंडावी पर आगजनी और बलवा का प्रकरण दर्ज किया था। सभी पर ग्राम बिरनपुर में हथियार लेकर नहर किनारे खातून बी के मकान को आग के हवाले कर देने का आरोप था, जिससे पीडि़ता का घरेलू सामान समेत पूरा घर जल (CG Hindi News) गया। मामले में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना के बाद पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायलय में पेश किया। प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायधीश पंकज कुमार सिन्हा की कोर्ट ने प्रकरण पर सुनवाई की। मामले में अभियोजन की ओर से 20 गवाहों के बयान लिए गए, जिस पर शनिवार को फैसला सुनाते हुए जज सिन्हा ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।
Bemetra Biranpur Massacre: फैसले में कोर्ट ने कंडिका 21, 22 व 24 में उल्लेख किया कि एसपी कल्याण ऐलेसेला व एएसपी पंकज पटेल के निर्देशन पर प्रकरण के विवेचना अधिकारी भानू प्रताप पटेल ने बिना किसी विधिक साक्ष्य के ही आरोपी तय कर दिए। जांच के दौरान अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों की घोर उपेक्षा की व उनकी लापरवाही पूर्ण जांच के कारण आरोपियों को बहुत दिनों (CG Hindi News) तक पुलिस अभिरक्षा में रहना पड़ा। इस सबंध में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अलग से जांच करने के भी निर्देश दिए।