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Chhattisgarh में 1000 करोड़ के धान खराब होने का बड़ा आरोप, नेता प्रतिपक्ष महंत ने की जांच की मांग सरकारी मूल्य के बराबर धान की कीमत घर बैठे मिलने से किसान बड़ी मात्रा में धान बेचे। शुरुआत में मिले टकाटक भुगतान का इतना प्रचार हुआ कि दर्जन भर से अधिक ग्राम के किसान धान दे दिए। जब भुगतान अटका, सरगना लीलाराम नदारद मिला तो किसान समझ गए कि वे
ठगी के शिकार हो गए हैं। किसान मुख्यमंत्री, गृह मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री तक अपनी फरियाद लेकर गए। बाद में यह बात सामने आई कि नवागढ़ से बड़ा खेल मुंगेली जिले में हुआ है। लीलाराम को मुंगेली पुलिस की तलाश है। मुंगेली जिले में किसानों की बैठक भी हुई थी।
27 जून 2024 को प्रार्थी मनीष साहू पिता गोपाल साहू 23 साल साकिन ग्राम नेवसा थाना नवागढ़ उपस्थित आकर जित्तू साहू और लीला राम साहू के विरूद्ध लिखित आवेदन दिया। आवेदन में इनके द्वारा 21 जनवरी को 3100 रूपये क्विंटल के दर से 165 बोरी धान, 30 जनवरी को 300 बोरी धान 3100 रूपये की दर से, 4 फरवरी को 404 बोरी धान 3100 रूपये की दर से, 27 जनवरी को 157 बोरी राहर 13,000 रूपये क्विंटल की दर से मिलाकर तय रूपये की खरीदी किया।
पैसे मांगने पर गली-गलौज किया
खरीदे धान / राहर की रकम मांगने पर गाली गलौज कर टाल मटोल करने लगा। इसके अलावा जित्तू साहू और लीला राम साहू ने ग्राम नेवसा एवं ग्राम गोपाल भयना रिसामली के अन्य किसानों से भी छल कपट धोखाधड़ी कर बेईमानी से राहर व धान खरीदना उन्हें भी खरीदे धान व राहर के फसल का भुगतान नहीं करना लिख कर दिया। प्रार्थी की शिकायत पर जित्तू साहू एवं लीलाराम साहू के विरूद्ध प्रथम दृष्टया धारा 420, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। इस मामले के बाद जिले के किसान सक्ते में आ गए और इसके बारे में हर जगह चर्चाएं गर्म होने लगी।