मांसपेशियों की मजबूती
रेगुलर स्वीमिंग करने से अन्य व्यायाम की जरूरत नहीं पड़ती। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं। जिमिंग के मुकाबले तैराकी में 10 गुना अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे मांसपेशियों में खिंचाव होने से शरीर के जोड़ भी मजबूत होते हैं।
स्वीमिंग से पूरी बॉडी का मूवमेंट होता है जिससे रक्तसंचार बेहतर होता है। ऐसे में हृदय का काम भी सुचारू होने से यह अंग सेहतमंद रहता है। हृदय व दिमाग से जुड़े रोगों की आशंका काफी हद तक कम होने से तनाव भी कम होता है।
यह शरीर की एक्सट्रा कैलोरी बर्न करने में मदद करती है। इससे व्यक्ति को डिहाइड्रेशन का सामना नहीं करना पड़ता और बॉडी शेप में रहती है। शरीर में लचीलापन लाने के लिए यह बेहतर व्यायााम है।
हृदय रोग और वजन बढऩे से होने वाले रोगों की आशंका स्वीमिंग करने से कम हो जाती है। साथ ही इससे शरीर के लिए जरूरी हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। ये बैड कोलेस्ट्रॉल बढऩे से रोकता है।
डायबिटीज टाइप-1 व 2 दोनों के मरीजों के लिए स्वीमिंग एक थैरेपी की तरह काम करती है। तैराकी से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने लगती है जिससे वजन और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। इस वजह से शुगर लेवल में भी उतार-चढ़ाव नहीं होता है।
स्वीमिंग पूल के पानी में क्लोरीन का स्तर 0.5 पीपीएम (पार्टिकल्स प्रति मिलियन) हो। पानी की नियमित जांच हो ताकि बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाव हो सके। स्वीमिंग ट्रेनर का होना जरूरी है। बिगिनर्स के लिए लाइफ जैकेट्स या ट्यूब उपलब्ध होना चाहिए। पूल के पास शॉवर व चेंजिंग रूम की व्यवस्था भी हो।
स्वीमिंग फायदेमंद तो है ही लेकिन इस दौरान पूल का क्लोरीनयुक्त पानी हमारे शरीर के कई अंगों पर असर डाल सकता है। जानें कैसे करें बचाव… आंखें :
क्लोरीनयुक्त पानी आंखों की नमी को कम करता है। इस वजह से आंखों में खुजली और लालिमा जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। कंजेक्टिवाइटिस इंफेक्शन हो सकता है।
ऐसे रखें ध्यान : स्वीमिंग गॉगल्स पहनकर ही स्वीमिंग करें। गॉगल्स ऐसा चुनें जो आपकी आंखों पर फिट बैठता हो।
जिनकी त्वचा बेहद संवेदनशील होती है उन्हें पूल के पानी से एलर्जी की आशंका रहती है। उन्हें त्वचा पर लाल चकत्ते हो सकते हैं जिनमें खुजली व जलन होती है।
ऐसे रखें ध्यान : जिनकी त्वचा स्वीमिंग के बाद रूखी हो जाती है वे इससे पहले या बाद में मॉइश्चराइजर या लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। नारियल तेल को भी प्रयोग में ले सकते हैं।
स्वीमिंग करने वाले अधिकतर तैराकों में ‘स्वीमर्स ईयर’ की समस्या देखी जाती है। इस समस्या में तैराक को क्लोरीनयुक्त पानी कान में जाने से सूजन, संक्रमण और दर्द होता है।
ऐसे रखें ध्यान : ईयर-प्लग या कैप पहनें। सर्दी-जुकाम की समस्या में स्वीमिंग न करें। स्वीमिंग के बाद कान में खुजली या दर्द जैसी परेशानी हो तो ईएनटी विशेषज्ञ को दिखाएं।
पूल के क्लोरीनयुक्त पानी के कारण बाल रूखे, कमजोर और बेजान हो जाते हैं।
ऐसे रखें ध्यान : पूल में उतरने से पहले बालों में ऑलिव या नारियल का तेल लगाएं। बालों को खुला न छोड़ें। स्वीमिंग कैप पहनें।