गर्भनिरोधक दवाएं भी कारण
महिलाएं गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल उन्हें Melasma का रोगी बनाता है। लगातार दवाओं खाने से त्वचा की सेहत बिगड़ती है। जैसे ही महिला कड़ी धूप, गैस की आंच या अन्य तरह से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट रेज के संपर्क में आती है उसके चेहरे की त्वचा खराब होने लगती है जो कुछ समय के भीतर झाईंया बनकर सामने आती है। इसके अलावा मिर्गी का दौरा रोकने के लिए फेनिट्यॉन दवा का प्रयोग होता है जिससे भी मेलास्मा रोग होने का खतरा बना रहता है।
तनाव और खून की कमी भी कारण
गर्भावस्था के दौरान तनाव और खून की कमी भी Melasma का कारण बनता है। तनाव से चेहरे की त्वचा कमजोर होने लगती है। इस दौरान जैसे ही महिला विकिरण के संपर्क में आती है उसे मेलास्मा की शिकायत हो जाती है। गर्भावस्था में खून की कमी आम बात है। इस वजह से चेहरे की त्वचा को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते हैं जिसकी वजह से ये तकलीफ होती है।
सन प्रोटेक्सन क्रीम मेलास्मा से रखेगा दूर
Melasma का इलाज बहुत आसान है। अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सन प्रोटेक्सन क्रीम लगाना बहुत जरूरी है। गैस की आंच के पास कम से कम खड़े हों। कोशिश करें की धूप में कम निकलें। अगर निकलते हैं तो छाता लगाकर जाएं और चेहरे को ढ़क कर रखें जिससे धूप से निकलने वाली किरणें चेहरे को नुकसान न पहुंचा सके।
अनार, सेब और योग से Melasma रहेगा दूर
Melasma से बचना है तो अनार और सेब का सेवन अधिक करना चाहिए। इसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। मेलास्मा ने चेहरे को बहुत अधिक घेर लिया है तो डॉक्टर की सलाह पर आयरन की गोली खानी चाहिए। आयरन की कमी दूर होगी तो ये रोग धीरे-धीरे कम हो जाएगा। इसके साथ ही सुबह की सैर के साथ सूर्य नमस्कार और भुजंगासन योग विशेषज्ञ की सलाह पर किया जाए तो फायदा मिलेगा। पानी भी अधिक मात्रा में पीने से ये बीमारी दूर रहती है।
– डॉ. पुनीत भार्गव, स्किन स्पेशलिस्ट, एसएमएस, जयपुर