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बस्सी

लम्पी वायरस का कहर, ,लगातार गौवंश की मौत होने से पशुपालकों में डर

-लगातार संक्रमण फैलने से विभाग की उडी नींद
-आवारा व पालतु गौवंश में फैल रहा संक्रमण

बस्सीSep 01, 2022 / 10:03 pm

Satya

लम्पी वायरस का कहर, ,लगातार गौवंश की मौत होने से पशुपालकों में डर

लम्पी वायरस का कहर, ,लगातार गौवंश की मौत होने से पशुपालकों में डर

Lumpy virus infection wreaks havoc, fear among cattle owners due to death of cowsशाहपुरा। पशुपालन विभाग के अधिकारी भले ही लम्पी संक्रमण की गति धीमी होने का दावा कर रहे हो, लेकिन हकीकत यह है कि इस वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। अब जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में भी लम्पी संक्रमण पैर पसार चुका है।
शाहपुरा में पहला केस आने के बाद 20 दिन में ही लम्पी वायरस से 218 गौवंश संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। जिनमें से 10 गौवंश की अब तक मौत भी हो चुकी है। क्षेत्र के संक्रमण के लगातार पैर पसारने से पशुपालकों में भय बना हुआ है। वहीं, पशु चिकित्सा विभाग की भी नींद उडी हुई है। हालांकि ब्लॉक के पशु चिकित्सा विभाग की टीम क्षेत्र में लगातार सर्वे कर मवेशियों का उपचार करने में जुटी हुई है, लेकिन एक साथ जिस गति से यह संक्रमण फैला है और प्रदेश के जोधपुर, बाडमेर, जैसलमेर, जालौर सहित कई जिलों में संक्रमण के कहर की डरावनी तस्वीरें देखकर यहां भी पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है।
पशु चिकित्सा विभाग शाहपुरा के नोडल प्रभारी डॉ. धरनीधर गौतम के मुताबिक शाहपुरा में पहला केस 13 अगस्त को मिला था। इसके बाद से अब तक 20 दिन में उपखण्ड के दोनों नोडल शाहपुरा व राडावास क्षेत्र में 218 गौवंश संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। जिनमें से ग्राम राजपुरा, लोचुकाबास, शाहपुरा, अमरसर, घासीपुरा सहित अन्य गांवों में 10 मवेशियों की मौत भी हो चुकी है। संक्रमण को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग के सभी चिकित्सकों को अलर्ट किया गया है। कार्मिकों को क्षेत्र में नियमित रूप से निगरानी रखने, सूचना मिलते ही मवेशियों का उपचार करने और पशुपालकों को जागरुक करने की हिदायत दी गई है। ताकि संक्रमण थम सके।

आवारा व पालतु मवेशी संक्रमण की चपेट में, गौशालाओं में नहीं मिले केस
सबसे अच्छी बात यह है कि अभी तक क्षेत्र में एक भी गौशाला में लम्पी वासरस से संक्रमित गौवंश नहीं मिला है। गौशाला में केस मिलने पर एक साथ गौवंश रहने से संक्रमण फैलने की संभावना अधिक है। नोडल प्रभारी डॉ. गौतम के मुताबिक अभी तक संक्रमण आवारा मवेशी और पालतु मवेश्ाियों में पाया गया है। इनमें भी आवारा मवेशी अधिक है।
शाहपुरा में आईसोलेशन वार्ड बनाना जरूरी
तेज गति से आवारा मवेशियों में संक्रमण फैलने से अब शाहपुरा क्षेत्र में बीमार मवेशियों के उपचार के लिए आईसोलेशन वार्ड बनाना आवश्यक हो गया है। क्योंकि आवारा मवेशियों का उपचार करने में चिकित्सा टीम को परेशाानी आ रही है। संक्रमित मवेशी को कुछ दिन उपचार की जरूरत होती है और आवारा मवेशी का एक दिन ट्रीटमेंट करने के बाद वह इधर-उधर हो जाता है उसे ढूंढने में ही पसीने छूट रहे हैं। इसके अलावा मिलने पर भी पकडऩे में समस्या आ रही है। आईसोलेश वार्ड बनाने के बाद उपचार में सुविधा होगी और संक्रमण अधिक नहीं फैलेगा।
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संक्रमण से बचाव के लिए पशुपालक यह करें उपाय

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-अपने पशुओं को खुला चरने से रोके।
-रोगी पशु को अन्य पशुओं से अलग रखकर चारा पानी दें।
-रोगी पशु को आईसोलेट करें।
– मवेशी के घावों पर 2 प्रतिशत सोडियम हाइड्रोक्साइट, 4 प्रतिशत सोडियम बाईकार्बोनेट 2 प्रतिशत फार्मेलिन से ऐन्टीसेप्टिक का प्रयोग करें।
-पशु आवास में नीम के पत्तों को जलाकर धुआं करें, ताकि मक्खी- मच्छर नहीं आएं।
-रोगग्रस्त क्षेत्र में पशु की आवाजाही रोकें
-पशु आवास को कीटाणु रहित करने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइड के 2 से 3 प्रतिशत घोल से छिडकाव करें।
-मृत पशु गांव से दूर गहरा गडढा खोदकर नमक डालकर दबाएं।
-मृत पशु के संपर्क में आई वस्तुओं एवं स्थान को फिलाइल पोटेशियम परमेग्नेट से कीटाणु रहित करें।
-जहां भी किसी पशु में इस तरह के संक्रमण के लक्षण दिखें, तत्काल निकटतम पशु चिकित्सा संस्था से संपर्क करें।

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