एनवीडीए के सचिव वैश्य को घेरा नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ताओं ने
एनवीडीए के सचिव रजनीश वैश्य भोपाल से बड़वानी आए थे। कार्यकर्ता कलेक्टोरेट पहुंच गए
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बड़वानी. डूब प्रभावितों को लाभ नहीं मिलने पर शनिवार को एनबीए के कार्यकर्ताओं ने एनवीडीए के सचिव को कलेक्टोरेट में घेर लिया। कार्यकर्ताओं नेे सवाल किए जिस पर सचिव ने उन्हें नियमों के तहत कार्रवाई करने की बात कह दी।
शनिवार को एनवीडीए के सचिव रजनीश वैश्य भोपाल से बड़वानी आए थे। इस बात का पता चलते ही एनबीए कार्यकर्ता कलेक्टोरेट पहुंच गए। शनिवार को शाम ६ बजे कार्यकर्ताओं ने सचिव का घेराव कर दिया।
राहुल यादव ने बताया कि इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सचिव से कुछ सवाल किए। जिसमें पूछा गया कि ६० लाख पात्रता वाले कितने लोगों को लाभ दिया गया है और कितनों को बाकी है। इस पर उन्होंने कहा कि ७८२ लोगों को पैंमेंट दे चुके हैं। शेष लोगों को जमीन दी जाएगी। जब कार्यकर्ताओं ने पूछा कि जमीन कहां हैं? कौन सी जमीन देंगे? इस पर उन्होंने कहा कि २००५ में चिंहित की गई जमीन ही देंगे।
कार्यकर्ताओ ने कहा कि वह जमीन अतिक्रमण में है, पहाड़ी और पथरीली जमीन हैं वहां खेती संभव नहीं है। इस पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को कोर्ट जाने की सलाह दी। सचिव वैश्व से जब ८ फरवरी को आए निर्देशों सवाल किया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। इस मौके पर राहुल यादव, देवराम कनेरा, पैमा भीलाला, बालाराम यादव, भगवती पाटीदार के साथ खासी महिलाएं भी शामिल थी।
नर्मदा जनसंवाद में पूर्ण कर्जमुक्ति की मांग
नर्मदा जनसंवाद के तहत शनिवार को मंडवाडा पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कर्ज माफी का मुद्दा उठाया। एनबीए ने आरोप लगाया कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने पहले डूब में लिया गया बाद में हमारे गांवों को डूब से बाहर कर दिया गया। ऐसे में पात्र विस्थापितों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। नर्मदा का जलस्तर लगातार घटते जा रहा है, उस पर सरकार चिंता नहीं कर रही है। कार्यकर्ताओं ने किसानों, मजदूरों, मछुआरों, पशुपालकों के संपूर्ण कर्ज की माफी की मांग की।
इस जनसंवाद में लोगों ने कहा कि मंडवाडा में किसानों की नर्मदा में लगी पाइपलाइन खत्म होती जा रही है, लगातार गर्मी में पानी घट रहा है। जिससे लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है। भी किसानों को पानी नहीं मिला रहा है। इसी तरह शनिवार को दूसरी जनसंवाद बैठक पान्या गांव में हुई।
बैठक में मेधा पाटकर वहां के विस्थापितों की स्थिति जानी और उनके हक की लडाई का संकल्प लिया। पाटकर ने आरोप लगाया कि 5.80 लाख रुपए का लालच देकर मकान तोडऩे के बाद भी पात्र विस्थापितों को अभी तक लाभ नहीं मिला रहा है। तीसरी बैठक अंजड़ में रखी गई। जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष संतोष पाटनी ने कहा कि नर्मदा का जलस्तर कम होने के कारण अंजड शहर को भी पानी नहीं मिल रहा है, आज नर्मदा बचाओं आंदोलन नर्मदा बचाने का नारा दिया गया। सनोवर बी मंसूरी ने कहा कि सभी वर्गो के लोगो की कर्ज मुक्ति सरकार को करना चाहिए। वाहिद मंसरी ने कहा कि आज नर्मदा की स्थिति हो रही है, गुजरात में जल संकट का सामना करना पडा रहा है, चुनावी राजनीति चल रही है।
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