उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर से उन्होंने अपनी निजी स्पर्श संकल्प यात्रा शुरू की है। इसके तहत वे आदिवासी बाहुल्य और पिछड़े क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों की समस्याएं जान रही हैं। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों की समस्याओं का संज्ञान में लेना है। उनके साथ अन्य सदस्य भी मौजूद थे। यात्रा का सरकार या राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और ना ही किसी संस्था के नेतृत्व में वे यहां आई है।
क्षेत्र के बारे में उन्होंने बेहद गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देशभर की बात की जाए तो यहां डूब प्रभावितों ने सबसे बड़ा बेदखली का दंश झेला है। गौरतलब है कि मंदसौर से कांग्रेस की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन पूर्व कांग्रेसाध्यक्ष राहुल गांधी की बेहद करीबी और भरोसेमंद नेता रहीं हैं। जिन गिनेचुने नेताओं से राहुल सलाह-मशविरा करते हैं उनमें मीनाक्षी नटराजन भी शामिल हैं।