इसलिए है जनता की नाराजगी- जिले में चिकित्सा सेवाओं की महत्ती आवश्यकता है। क्योंकि यहां दूर-दूर तक अस्पताल नहीं है। एेसे में जहां कहीं अस्पताल है, वहां उस गांव और कस्बे के अलावा आसपास के गांवों से भी मरीज पहुंचते हैं। अमूमन चिकित्सालय खुलते ही मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है तो शाम तक चलता रहता है। इस दौरान अस्पताल समय में मरीज दिखाते ही है, इसके बाद चिकित्सक के घर पहुंच कर भी परामर्श लेते हैं। चिकित्सक के नहीं आने पर वे पहले तो इंतजार करते हैं, इसके बाद निकटवर्ती शहर जाना पड़ता है। वहां पर भी चिकित्सालय का समय समाप्त होने पर निजी अस्पताल में इलाज करवाना पड़ता है जो मंहगा पड़ता है।
हर दिन की लेट-लतीफी- चिकित्सालय हर दिन देरी से खुलता है। चिकित्सक व कार्मिक समय पर नही आते, जिस पर आमजन को उपचार नहीं मिल रहा है। तीन दिन में व्यवस्था नहीं सुधारी गई तो बड़ा आंदोलन करेंगे। – अबूखां मस्सा, सरपंच नवातला