लोकसभा चुनाव के लिए पहला अभियान शुरू, वोटर लिस्ट से कटे नाम जुड़वाने और फर्जी नाम कटवाने में जुटी भाजपा
अब तक यह हुआ
वर्ष 2003 में राज्य विधानसभा में प्रस्ताव लेकर केन्द्र को भेजा गया
केन्द्र ने ओडिशा के वरिष्ठ साहित्यकार एस.एस.महापत्र की अध्यक्षता में कमेटी गठित की
दो साल बाद कमेटी ने इसकी अनुशंषा की
वर्ष 2006 में तत्कालीन गृहमंत्री ने लोकसभा में आश्वासन दिया,लेकिन बिल अभी तक पेश नहीं हो सका
मैं राजस्थानी भाषा में ही बोलता हूं। मेरी पहचान का बड़ा आधार मेरी यह भाषा है। मेरी ही क्यों, हर राजस्थानी की पहचान उसकी भाषा व संस्कृति है। मैंने प्रार्थना पत्र दिया है कि मुझे राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की अनुमति दी जाए।-रविन्द्रसिंह भाटी, विधायक शिव
राजस्थानी भाषा दुनिया की श्रेष्ठ भाषाओं में से एक है। संवैधानिक मान्यता नहीं मिलना राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी है। यह राजस्थानियों की जन-जन की भाषा है।- आईदानसिंह भाटी, ख्यातनाम राजस्थानी साहित्यकार
ये 22 भाषाएं हैं अनुसूची में शामिल
असमिया, उडिय़ा, ऊर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, गुजराती, डोगरी, तमिल, तेलगू, नेपाली, पंजाबी, बांग्ला, बोडो, मणिपुरी, मराठी, मलयालम,मैथिली, संथाली, संस्कृत, सिंधी और हिन्दी।