बाड़मेर लोकसभा चुनाव के रिजल्ट को लेकर लोग अपने-अपने कयास लगा रहे हैं। वोटों का गणित मिलाने की गुणा-भाग इस वक्त चरम पर है। जानें इनके बारे में।
कैलाश चौधरी की डगर है कुछ डगमग
बाड़मेर में भाजपा से केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने लोकसभा का दूसरी बार चुनाव लड़ा है। पिछले चुनावों में रिकार्ड मतों से जीते कैलाश चौधरी पर ही भाजपा ने भरोसा कर मैदान में उतारा। जातिगत वोटों के बंटवारे की उम्मीद कम होने से उनके लिए जीत की डगर कुछ कठिन हो गई है। यह भी पढ़ें – Phalodi Satta Bazar : फलोदी सट्टा बाजार के ताजा आंकड़ें से पलटा गेम, भाजपा चौंकीं, कांग्रेस खुश उम्मेदाराम बेनीवाल ने कांग्रेस की बढ़ाई उम्मीद
कांग्रेस ने यहां पर राजनीति का दांवपेच खेला है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से बायतु से दो बार विधानसभा में हारे उम्मेदाराम बेनीवाल को कांग्रेस ज्वाइन करवाई । उनको ही टिकट दे दिया। उम्मेदाराम के कांग्रेस में आने से माहौल बदल गया। यहां का जातिगत गणित कांग्रेस के पक्ष में है।
रविन्द्र सिंह भाटी ने चुनाव को बनाया रोचक
शिव के विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़कर मुकाबले में रोचकता ला दी। चुनावों के गणित में बड़ा फेरबदल हुआ। कांग्रेस-भाजपा के वोटों में सेंध करते हुए रविन्द्र खुद को मुकाबले में लाए। अब उत्सुकता इस बात की है कि कौनसा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर जा सकता है। नोट – यहां पर दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और सट्टा बाजारों के जानकारों के माध्यम से दी गई है। हमारा उद्देश्य सट्टा को किसी भी प्रकार से प्रोत्साहन करना नहीं है।
यह भी पढ़ें – Exit Poll 2024 : एग्जिट पोल को राजस्थान सीएम ने नकारा, भजनलाल शर्मा की भविष्यवाणी पर चौंके लोग