नेताओं के जन्मदिवस पर लोगों को मिल रही ‘जिंदगी
बाड़मेर में नेताओं को खुश करने के लिए समर्थकों के नए निर्णय का लाभ रक्तदान शिविर लगने से हल हो रही है खून की कमी की समस्या
नेताओं के जन्मदिवस पर लोगों को मिल रही ‘जिंदगी
बाड़मेर. भले ही यह अपने नेताओं को खुश करने का तरीका हों लेकिन बाड़मेर का यह नया चस्का कई लोगों की जिंदगी बचा रहा है। यहां अब नेताओं के जन्मदिवस पर समर्थक रक्तदान करने लगे है। जितना बड़ा नेता उतनी ज्यादा यूनिट खून। यह रक्त ब्लडबैंक में जमा होने से बैंक में खून की कमी की शिकायत लगभग दूर हो गई है।
रक्तदान को लेकर सीमावर्ती क्षेत्र में नया जज्बा जगा है। यहां रक्तदान के लिए बने संगठनों ने लोगों को इतना जागरुक किया है कि अब खून की कमी से कोई जान नहीं जाती है। पिछले दो साल से रक्तदान का नया तरीका इजाद किया गया है। इसमें किसी राजनीतिक एवं सामाजिक नेता के जन्मदिवस पर उसके समर्थक रक्तदान शिविर का आयोजन करने लगे है। समर्थकों की ओर से दिया जाने वाला खून ब्लड बैंक में जमा होने के साथ ही रक्तजांच भी होती है ताकि जरुरत पडऩे पर संबंधत ग्रुप के व्यक्ति को बुलाया जा सके।
एेसा नहीं है कि केवल समर्थक ही यहां रक्तदान करते है। खुद नेताओं ने भी रक्तदान का सिलसिला शुरू किया है। कांग्रेस के महासचिव हरीश चौधरी, विधायक मेवाराम जैन, यूआईटी चेयरपर्सन डा. प्रियंका चौधरी, बायतु विधायक कैलाश चौधरी सहित कई नेताओं की ओर से रक्तदान कर प्रोत्साहित करने का कार्य किया गया है।
यह भी है यहां रक्तदान की खासियत
– 26 दंपती यहां पर जोड़े के साथ करते है रक्तदान
– 178 महिलाएं जुड़ी हुई है जिले में नियमित रक्तदान से
– 2500 युवा करते है हर साल रक्तदान
– 100 बार रक्तदान कर चुके है यहां के रतन भवानी
– 30 शिविर लगने है हर साल पुलिस, बीएसएफ और एयरफोर्स भी शामिल
– 250 लोग जुड़े है सोशल मीडिया पर जो प्रतिदिन अस्पताल में मरीज आते ही हो जाते है सक्रिय
– 25 से ज्यादा अस्पताल के चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी रहते है हर समय रक्तदान को तैयार
जन्मदिवस व विशेष दिवस पर होता है रक्तदान
नेताओं के जन्म दिवस, पुण्यतिथि और विशेष दिवस पर रक्तदान किया जाता है। पचास से सौ यूनिट खून जमा हो जाता है। यह नया ट्रेंड है। इससे लोगांे की जिंदगी बच रही है। – भीमराज कड़ेला, अध्यक्ष ब्लड डोनर्स सोसायटी
शिविर लगने से समस्या का समाधान होता है
300 यूनिट ब्लड संग्रहण की क्षमता है। 250 यूनिट की जरुरत रहती है। जब भी खून कम पड़ता है शिविर आयोजित होते है। नेताओं के जन्म दिवस पर होने वाले शिविर में भी पचास से सौ यूनिट तक रक्त जमा हुआ है। – डॉ. मोतीलाल खत्री, प्रभारी ब्लड बैंक
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