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भारत के Chandrayaan 3 ने रचा इतिहास: राजस्थान का लाल इसरो के वैज्ञानिकों को देगा एक करोड़ रुपए

Chandrayaan 3 Landing Successful : भारत के चंद्रयान-3 ने बुधवार शाम को चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है। इस कामयाबी पर बाड़मेर के कोळू गांव के निवासी और एनआरआइ पृ़थ्वीराजसिंह ने इसरो के वैज्ञानिकों को एक करोड़ रुपए का प्रोत्साहन देने की घोषणा की है।

बाड़मेरAug 23, 2023 / 07:30 pm

Kamlesh Sharma

NRI announces one crore Rupees to ISRO scientists for Chandrayaan-3 Successfull Mission

Chandrayaan 3 Landing Successful : भारत के चंद्रयान-3 ने बुधवार शाम को चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है। इस कामयाबी पर बाड़मेर के कोळू गांव के निवासी और एनआरआइ पृ़थ्वीराजसिंह ने इसरो के वैज्ञानिकों को एक करोड़ रुपए का प्रोत्साहन देने की घोषणा की है।

Chandrayaan 3 Landing Successful : बाड़मेर। भारत के चंद्रयान-3 ने बुधवार शाम को चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली । चंद्रयान-3 के साथ ही भारत चांद के साउथ पोल पर यान उतारने वाला पहला देश बन गया है। वहीं चांद के किसी भी हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है। भारत से पहले अमेरिका, सोवियत संघ (अभी रूस) और चीन ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पाए हैं।

इस कामयाबी पर राजस्थान के बाड़मेर के कोळू गांव के निवासी और एनआरआइ पृ़थ्वीराजसिंह ने इसरो के वैज्ञानिकों को एक करोड़ रुपए का प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। पृथ्वीराज ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के महत्वपूर्ण मिशन चंद्रयान 3 के चन्द्रमा के दक्षिण धु्रव पर सकुशल उतरने पर भारतीय वैज्ञानिकों की कामयाबी को मिसाल मानते हुए यह घोषणा की।

उन्होंने कहा कि देश ही नहीं विदेश भी सभी भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हुआ है। पृथ्वीराज दुबई में व्यवसायी है। कोरोनाकाल में उन्होंने पत्रिका से प्रेरित होकर 2.50 करोड़ का अत्याधुनिक आइसीयू वार्ड निर्मित कर भेंट किया। कवास की बाढ़ में भी उन्होंने बड़ी मदद की थी।

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इसरो ने कहा कि लैंडर और रोवर का मिशन जीवन 1 चंद्र दिवस या 14 पृथ्वी दिवस है। प्रणोदन मॉड्यूल में चंद्र कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय और ध्रुवीय मीट्रिक माप का अध्ययन करने के लिए रहने योग्य ग्रह पृथ्वी (SHAPE) पेलोड का स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री है। लैंडर से बाहर निकलने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल द्वारा ले जाए गए पेलोड का जीवन तीन से छह महीने के बीच है। 19 मिनट का रहस्य और रोमांच, जैसा कि पहले तय किया गया था, शाम 5.45 बजे शुरू हुआ और 6.05 बजे समाप्त हुआ। लैंडर चंद्रमा की धरती को छूने के साथ।

https://youtu.be/EfZZl7Dw6fw

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