उन्होंने कहा कि आपके काम से कोई संतुष्ट नहीं है फिर आप क्या कर रहे हैं। न तो विधायक संतुष्ट हैं, और न ही जिलाध्यक्ष, कार्यकर्ता। फिर आम क्या काम कर रहे हैं। आपकी विचारधारा में अंतर हैं तो दूसरी जगह देख लों, लेकिन इस तरीके से कमीशनबाजी अब नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं हैं। व्यवहार में तत्काल बदलाव होना चाहिए, अगर नहीं होता हैं तो प्रोफेशन चेंज कर लो। जनसुनवाई के दौरान जिला कलक्टर टीना टाबी समेत प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
मंत्री ने पूछा तो अधिकारी ने दिया जवाब
राज्यमंत्री के.के. विश्नोई की जनसुनवाई में धोरीमन्ना पंचायत समिति के लुखू ग्राम पंचायत के सरपंच आसूराम ने जिला परिषद में कार्यरत अधिशाषी अभियंता राजेंद्र चौधरी की शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने कहा कि मनरेगा में सहायक अभियंता हैं, लेकिन उन्हें अतिरिक्त चार्ज अधिशाषी अभियंता का दे रखा है। राजेंद्र चौधरी जनसुनवाई में मौजूद नहीं थे। जिला कलक्टर के निर्देश पर उन्हें तत्काल बैठक में बुलाया गया। शिकायत में सरपंच ने गंभीर आरोप लगाया था। मंत्री ने पूछा तो अधिकारी ने जवाब दिया कि मेरे पास आए थे, मौका देखकर स्वीकृत कर लूगा। गुस्साए मंत्री बोले- कितना प्रतिशत चाहिए बताओ?
इस बीच परिवादी सरपंच ने कहा कि एक माह पहले भी गया था, लेकिन मुझे कहा कि जितना काम हुआ है, उसका एक फीसदी लेकर आओ, तब मैंने कहा कि मैं एक रुपया भी नहीं दूंगा। इतना सुनते ही मंत्री गुस्सा हो गए और कहा कि कितना प्रतिशत चाहिए बताओ? इसके बाद अधिकारी राजेंद्र चौधरी ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हैं, मौका देखकर कर लूंगा।
फिर मंत्री ने कहा कि नौकरी छोडकऱ नेतागिरी में आ जाओ, या हम लोगों को करने दो। अधिकारी राजेंद्र ने कहा कि मेरी एक-एक फाइल देख लिजिए, किसी का भी गलत नहीं करता हूं। मेरे पास जो फाईल आती हैं, उसे टेक्नीकल जांच के बाद स्वीकृत कर लेता हूं। यह फाइल मेरे पास तो अभी ही आई हैं।