कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि इस मामले की जांच कलेक्टर कर रही हैं, जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। आरोप है कि अनिल जैन ने मां, पुत्र की उम्र भी गलत पेश करते हुए दस्तावेज तैयार किए। इस मामले के सामने आने के बाद अब
बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी को इसकी जांच सौंपी गई है। वहीं एसडीएम जैन की भी सफाई सामने आई है। उन्होंने कहा कि 40 साल से उनके पिता जमीन खरीदने और बेचने का काम कर रहे हैं। वहीं सीलिंग एक्ट से अधिक जमीन को बेच दिया गया है। मेरे नाम से कोई रजिस्ट्री भी नहीं है।
स्टांप ड्यूटी की भी चोरी
इस पूरे मामले में खास बात यह भी है कि जमीनों का पंजीयन रात में किया गया था। वहीं एसडीएम जैन ने पावर ऑफ अटॉर्नी के दम पर जमीनों को खरीदा था। इसका पंजीयन भी नहीं करवाया गया था। इसके बाद इन जमीनों को फिर से बेच दिया गया। ऐसे में स्टांप ड्यूटी की भी चोरी की गई है। बताया जा रहा है कि 2350 बीघा जमीन की खरीद-फरोख्त हुई है। इन जमीनों को महज 10 से 40 हजार रुपए प्रति बीघा के भाव खरीदा गया था। इसके बाद सोलर कंपनियों को करीब 1 लाख रुपए बीघा के भाव पर बेचा गया था।