ट्रस्ट सदस्यों ने किया स्वागत
इस पर नाकोड़ा ट्रस्ट सदस्य प्रकाश वडेरा, गणपत बुरड़, अर्जुन सिंघवी, रोशनलाल मेहता, दिनेश पारेख, गौरव मेहता ने उनकी अगुवानी कर स्वागत किया।विराग मधुमालती ने आभार जताते हुए कहा कि नवी मुंबई से सूरत, बड़ौदा, उदयपुर, नाथद्वारा, चारभुजा, देसूरी, जालोर होते हुए वे नाकोडा पहुंचे। यात्रा के दौरान उन्होंने आमजन को पर्यावरण के संरक्षण, संर्वधन के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
अधिकाधिक पौधे लगाने, विकसित करने की अपील
उन्हें अधिकाधिक पौधे लगाने, विकसित करने की अपील की। आमजन के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर 52 हजार पौधे लगाए। उन्होंने एक बार 111 किलोमीटर लगातार यात्रा की। इस पर उनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया में दर्ज किया गया। बताया कि वे पिछले 15 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्य कर रहे हैं। इस वर्ष पर्यावरण को सुरक्षित रखने व संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुरू किए गए अभियान एक पेड़ मां के नाम ने उन्हें प्रेरित किया। इस पर वे नवी मुंबई से इष्ट नाकोड़ाभैरवदेव तक एक लाख पौधों को लगाने के उद्देश्य से पैदल रवाना हुए। उन्होंने बताया कि दिव्यांग व्यक्ति की व्यथा जानने के लिए निसर्ग नियमों के विपरित जाकर ,जान की परवाह किए बिना उन्होंने 100 दिनों तक अपनी आंखों पर काली पट्टी बांध कर अंध व्यक्ति का जीवन व्यतीत किया। इसके बाद उन्होंने लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया।