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बाड़मेर

रात में गैराज की घेराबंदी, ड्रोन से निगरानी, पकड़ा गया इनामी तस्कर

पिछले 15-20 साल से मादक-पदार्थों की तस्करी को अंजाम दे रहा था और पुलिस के घेरा डालने पर फायरिंग कर फरार हो जाता था। अपराधी के खिलाफ कई थानों में मामले दर्ज है। पुलिस उसकी बीवी का पीछा करते हुए अपराधी तक पहुंची। टीम ने इनामी के साथ उसके ड्राइवर व दो अन्य मैकनिकों को भी पकड़ा है।

बाड़मेरJun 23, 2024 / 11:11 pm

Mahendra Trivedi

crime case
जोधपुर रेंज पुलिस ने करीब 2 महीने तक ऑपरेशन मोना चलाकर कुख्यात इनामी अपराधी को बाड़मेर के चंदन नगर इलाके में एक गैराज से गिरफ्तार किया है। वह पिछले 15-20 साल से मादक-पदार्थों की तस्करी को अंजाम दे रहा था और पुलिस के घेरा डालने पर फायरिंग कर फरार हो जाता था। अपराधी के खिलाफ कई थानों में मामले दर्ज है। पुलिस उसकी बीवी का पीछा करते हुए अपराधी तक पहुंची। टीम ने इनामी के साथ उसके ड्राइवर व दो अन्य मैकनिकों को भी पकड़ा है।

कब्जे से 63 कारतूस मिले है वो 9 एमएम पिस्टल के हैं

जोधपुर रेंज महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि कुख्यात इनामी अपराधी जस्साराम उर्फ जसवन्त उर्फ जस्सु उर्फ जसीया पर कुल एक लाख दस हजार रुपए का इनाम घोषित था। पुलिस ने बड़े ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा कर उसे पकड़ लिया। इससे पहले वह कभी पुलिस पकड़ में नहीं आया। इस बार पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़ा है। उसके कब्जे से 63 कारतूस मिले है वो 9 एमएम पिस्टल के हैं। ये 9 एमएम प्रतिबंधित बोर है जो जनसामान्य में एवं हथियारों की दुकान पर नहीं मिलता हैं। यह पुलिस, आर्मी एवं केंद्रीय अद्र्धसुरक्षा बलों के द्वारा ही काम में लिया जाता है। उससे दो पिस्टल भी बरामद की गई है। बायतु का निवासी अपराधी जसाराम करीब 40 वर्ष का है। अपराधी चित्तौडगढ़,़ प्रतापगढ़ से जोधपुर व बाड़मेर के आसपास बड़े लम्बे समय तक लगातार मादक द्रव्यों एवं मादक पदार्थो की आपूर्ति करता रहा है।

तीन बार पुलिस पर कर चुका था फायरिंग

इनामी पर पहला मुकदमा 2005 में एनडीपीएस में हुआ और जिसमें गिरफ्तारी भी हुई। इसके बाद 2010 से लेकर आज तक दर्जनों मुकदमें हैं। कभी भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। अपराधी पर तीन जगहों से ईनाम घोषित है। जिसमें 40 हजार का जोधपुर रेंज, 50 हजार पाली रेंज एवं 20 हजार का इनाम राजसंमद से हैं। अपराधी तीन बार पुलिस पर फायर करके फरार हो चुका था। जिसमें गुड़ाएन्दला पाली, टिब्बी हनुमानगढ़ और देवगढ़ राजसमन्द में पुलिस के घेरा डालने पर फायर कर नाकाबंदी तोड़ फरार हो गया।

अपराधी एक छलावे की तरह

पुलिस की अपराधी पर काफी दिनों से नजर थी। रेंज पुलिस के सामने बड़े कुख्यात अपराधी का नाम आया तो ऑपरेशन मोना के नाम से निगरानी शुरू की गई। करीब दो महीनों से पुलिस ने निगाह रख हुई थी। लेकिन अपराधी काफी शातिर रहा। वह मोबाइल नहीं रखता। कहीं पर लगातार नहीं ठहरता था। क्या काम करता है, इसक बारे में किसी को जल्दी पता नहीं चलने देता था। पुलिस के अनुसार वह एक छलावे की तरह था।

बेटा अपने पिता के हाथ से खाना खाता है

पुलिस ने अपराधी की निगरानी शुरू की तो पता चला कि बलदेव नगर में उसका परिवार रहता है। उसी मकान के सामने पुलिस ने अपने दो जवानों को किराएदार के रूप में रखते हुए निगरानी शुरू कर दी। जिसमें एक पैटर्न सामने आया कि कुछ दिनों के अंतराल में शाम या रात में इनामी की पत्नी घर से निकलती है और और किसी जगह जाती है। इस दौरान मोबाइल ऑफ रखती है। पुलिस ने पीछा किया तो एक जगह पता चली जहां पर वह जाती थी। वहां पर लग्जरी गाड़ी दिखती थी, अपराधी की पत्नी वहां कुछ समय ठहरती और लौट आती थी, इसके बाद मोबाइल ऑन करती थी। इस बीच इनामी की पत्नी ने किसी व्यक्ति को बताया था कि मेरा बेटा अपने पिता के हाथ से ही खाना खाता है। यह क्लू मिलने के बाद पुलिस कार्रवाई को लेकर अलर्ट हो गई।

घेराबंदी देखकर किया आत्मसमर्पण

आईजी के अनुसार शनिवार रात्रि को सभी कमांडो, साइक्लोनर टीम, टॉरमेडो टीम, स्ट्रांग टीम बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट अत्याधुनिक हथियारों के साथ पहुंची। एक बाड़ा जो संदिग्ध था उसे घेर लिया गया। पहले ड्रोन से जांच की तो कुछ लग्जरी गाडिय़ां लगी हुई नजर आई। कुछ लोगों का मूवमेंट भी उनमें था। उसी आधार पर फिल्मी अंदाज में घेरा डालते हुए कमांडो कैंपस की दीवार को फांदकर भीतर कूद गए और मोर्चा संभाल लिया। टीम ने इनामी को कार्रवाई को लेकर चेतावनी दी। सभी टीमों के अलावा रीको थाना पुलिस को भी मौके पर बुला लिया गया। चोरों तरफ घेराबंदी देखकर इनामी ने पिस्टल जमीन पर रखकर आत्मसमर्पण कर दिया।

गैराज में बसा रखा था पूरा घर

पुलिस ने गैराज की तलाशी ली तो वहां पर सभी साधन थे। फ्रिज, एसी, वाटर प्यूरीफायर तक मिला। गैराज में दो मैकेनिक भी साथ मे पकड़े गए जो गाडिय़ों के नम्बर प्लेट बदलने, मोडिफाई करने, इजंन व चैसिस नम्बर बदलने, गाडिय़ों के बम्पर लगाने और टायर बदलने का काम करते थे। गैराज में 7-8 नए टायर मिले हैं। जो तस्करी के वाहन के लिए उपयोग में लिए जाते थे।

पुलिस की भनक लगते ही मोबाइल जलाए

पुलिस की सूचना मिलने के बाद आरोपियों ने छह मोबाइल जला दिए, जो मौके से मिले है। वहीं छह अन्य मोबाइल टीम ने जब्त किए है। पुलिस को दो डोंगल, दो लग्जरी वाहन भी मिले है। पुलिस पूछताछ में इनामी ने बताया कि एक ट्रिप पर एक लाख रुपए मिलता था।

कार्रवाई में शामिल टीमें होंगी सम्मानित

रेंज स्तरीय साइक्लोनर टीम के कन्हैयालाल एवं प्रमीत चौहान उपनिरीक्षक, अशोक कुमार कांस्टेबल, स्ट्रांग टीम कांस्टेबल देवाराम, नगाराम, किशोर, झूमरराम, जोगाराम, शेखर एवं टॉरमेडो टीम के जीतेन्द्रसिंह , भंवर, पप्पाराम, अनिल, दिनेश कमाण्डो, रोहितास, घासीलाल, मनोहर, श्रवणराम, किशोरराम, रामावतार, अचलाराम ड्राइवर तथा रीको थानाधिकारी देवाराम का कार्रवाई में विशेष योगदान रहा। आईजी ने कहा कि उक्त कार्रवाई में शामिल सभी टीमों को विशेष कार्यक्रम के दौरान जोधपुर रेंज कार्यालय में सम्मानित किया जाएगा।

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