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बाड़मेर

राजस्थान की इस बेटी की कहानी जान गर्व से फूल जाएगा आपका सीना, लड़कियाें काे दिया खास संदेश

तनुश्री पारीक का कहना है कि लड़कियां सूरज से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना छोड़ें और धूप में तपकर देश सेवा के लिए आगे आएं।

बाड़मेरAug 18, 2017 / 02:39 pm

Santosh Trivedi

Tanushree Pareek
बाड़मेर। देश में सीमा सुरक्षा बल की पहली महिला अधिकारी तनुश्री पारीक का कहना है कि लड़कियां सूरज से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना छोड़ें और धूप में तपकर देश सेवा के लिए आगे आएं।
तनुश्री इन दिनों पश्चिमी राजस्थान की पाकिस्तान से सटे सरहदी इलाके में सीमा सुरक्षा बल और वायुसेना की बीस महिला सैन्य अधिकारियों के साथ कैमल सफारी के जरिए महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सन्देश बाघा बॉर्डर तक देने के मिशन पर हैं।
Tanushree Pareek
बाकासर से उनके नेतृत्व में कैमल सफारी का आगाज हुआ। उन्होंने बताया कि बीकानेर निवासी होने के कारण मैंने करीब से बीएसएफ के कामकाज के तरीके को देखा और उन्होंने नौकरी के लिए नहीं पैशन के लिए बीएसएफ को चुना है। उन्होंने कहा कि मेरा फोर्स में जाना तभी मायने रहेगा, जब दूसरी लड़कियां भी बीएसएफ ज्वाइन करना शुरू करेंगी।

मुझे गर्व है कि मैं देश की पहली महिला कॉमाण्डेंट ऑफिसर हूं। तनुश्री स्कूल और कॉलेज के दौरान एनसीसी कैडिट रही है। उन्होंने आईएएस और आरएएस प्री परीक्षा में सफलता हासिल की। तनुश्री ने बताया कि बीकानेर में बॉर्डर फिल्म की शूटिंग हो रही थी और इस समय वह स्कूल जाने लगी थी। इसमें सेना का अहम रोल था और इसी फिल्म से प्रेरणा लेकर उन्होंने बीएसएफ में जाकर देश की सेवा करने का मन बनाया।
उन्होंने कहा कि पापा शूटिंग के फोटो दिखाकर इन्स्पायर करते थे तथा वहीं से ठान लिया था कि वर्दी वाली सर्विस में ही जाना है। उनका चयन यूपीएससी द्वारा साल 2014 में करार्इ गर्इ परीक्षा में हुआ था तथा टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड में देश की पहली महिला अधिकारी असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में हिस्सा लिया और 67 अधिकारियों के दीक्षांत समारोह में परेड का नेतृत्व भी किया। उन्हें इस मौके पर सम्मानित भी किया गया।
तनुश्री ने बीएसएफ अकादमी में अधिकारियों के 40वें बैच में बतौर सहायक कमांटेंड 52 हफ्तों का प्रशिक्षण लिया और बाद में उन्हें पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनाती मिली है। गौरतलब है कि हाल ही में एयरफोर्स ने फाइटर प्लेन उड़ाने के लिए महिला पायलट को इजाजत दी है और उसी तरह बीएसएफ में भी बॉर्डर पर ऑपरेशनल ड्यूटी के लिए बतौर अफसर महिलाओं को कमान सौंपने का फैसला किया है। बल ने साल 2013 में महिला अधिकारियों की नियुक्ति शुरू की थी।

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