आईजी दिनेश एमएन ने बताया कि टैंकर मालिक व चालकों की मिलीभगत से केयर्न/वेदांता कंपनी में सरस्वती 01, सरस्वती 02 और राग आयल से क्रूड आयल चोरी किया जा रहा था। अनुबंध पर लगे टैंकरों द्वारा एमपीट नागाणा पर क्रूड आयल व प्रॉड्युस वाटर खाली करने के दौरान केयर्न कंपनी के सरवेयर, वीटीएस ऑपरेटर, हेल्पर, क्याुआरटी टीम की मिलीभगत से कू्रड आयल चोरी करके खेतसिंह की प्याऊ पर गौतम सिंह व भूरसिंह की फैक्ट्री पर खाली कर लिया जाता था।
गैंग ने फैक्ट्री पर क्रूड आयल एकत्र करने के लिए भूमिगत टेंक बना रखे थे और विशेष रूप से फाईटर लगे टैंकरो के माध्यम से इस जगह से बाड़मेर गादान रोड पर बनी हुई फैक्ट्री में भूमिगत टेंकों में खाली किया जाता था।
एसपी संजय क्षोत्रीय ने बताया कि क्रूड आयल चोरी को वैधानिक रूप देने के लिए गौतम सिंह ने टायर आयल प्लांट फ्लाई इन्फ्राटेक और भूरसिंह ने भंवरिया एंड ब्रदर्श के नाम से फर्नेश आयल एवं एलडीओ का लाईसेंस रसद विभाग से प्राप्त कर रखा था। वर्ष 2013-2014 से ही क्रूड आयल चोरी किया जा रहा था और आगे जिन लोगों को माल बेचा जा रहा था उनको टायर आयल के बिल काट कर माल दे रहे थे। आरोपित क्रूड आयल में टायर आयल की थोडी सी मात्रा मिक्स कर देते थे, जिससे उसकी पहचान नहीं हो पाती थी।एसपी संजय क्षोत्रीय ने बताया कि भूरसिंह ने अपने साथ अपने भतीजे गौतम सिंह को भी फैक्ट्री लगाने के लिए उकसाया था। इस मामले में अभी भी 12 नामजद आरोपित फरार हैं।