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बरेली

यूपी के इस डॉक्टर ने दुष्कर्म पीड़िता का कराया गर्भपात, निकाला गर्भाशय, हॉस्पिटल सील, मुकदमा दर्ज, पांच गिरफ्तार

सात माह की गर्भवती बीए की छात्रा का गर्भपात करते समय उसका गर्भाशय काट देने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को फरीदपुर के डीके अस्पताल को सील कर दिया। इसके साथ थाना फरीदपुर में अस्पताल मालिक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई है।

बरेलीJun 28, 2024 / 11:27 am

Avanish Pandey

अस्पताल हुआ सील।

बरेली। सात माह की गर्भवती बीए की छात्रा का गर्भपात करते समय उसका गर्भाशय काट देने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को फरीदपुर के डीके अस्पताल को सील कर दिया। इसके साथ थाना फरीदपुर में अस्पताल मालिक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई है। पुलिस ने डॉक्टरों और दाई को भी हिरासत में लिया है। सभी पर भ्रूण हत्या के आरोप में कार्रवाई होगी।
छात्रा का गर्भपात कराया तो उसका फट गया गर्भाशय
फतेहगंज पूर्वी क्षेत्र निवासी बीए की छात्रा पड़ोसी युवक से प्रेम संबंधों के चलते गर्भवती हो गई। इसको लेकर प्रेमी से उसकी कहासुनी हुई थी। 21 जून को छात्रा योग शिविर में शामिल होने के लिए घर से निकली। हालाकि इस मामले में गांव के ही विशाल गंगवार पर छात्रा के पिता ने दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराई। इसी बीच विशाल ने छात्रा का अप्रशिक्षित स्टाफ द्वारा गर्भपात कराया तो उसका गर्भाशय फट गया और वह उसे छोड़कर भाग निकला। सूचना पर पहुंचे छात्रा के पिता ने उसे गंभीर हालत में शहर के एक अस्पताल में भर्ती।
गुरुवार को आरोपी ने उरई से पहुंचकर कर दिया सरेंडर
गुरुवार को एसीएमओ डॉ. राकेश टीम के साथ फरीदपुर स्थित डीके अस्पताल पहुंचे। मगर उससे पहले ही फर्जी लोगों ने बिल्डिंग पर लगे बोर्ड और बैनर हटा लिए। जांच में पाया गया कि अस्पताल का पंजीकरण नहीं है। अस्पताल में ताला पड़ा हुआ था, जिसे सील कर दिया गया। छात्रा का अल्ट्रासाउंड जिस सेंटर पर हुआ, उस पर भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इस मामले में नामजद आरोपी के पिता को पुलिस ने हिरासत में लेकर थाने में बैठाया तो गुरुवार को उसने उरई से पहुंचकर सरेंडर कर दिया।
गर्भपात के लिए विशाल से 50 हजार रुपये किए थे तय
फर्जी डॉक्टर ने अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर भी बना रखा था। गर्भपात करने वाले झोलाछाप इरफान ने पुलिस को बताया कि मोहल्ला परा की सीमा सिंह उसके साथ गर्भपात कराती है। मोहित, निजाकत, सोनू और सीमा ने गर्भपात के लिए विशाल से 50 हजार रुपये तय किए थे।
इन सबूतों से फंसेंगे आरोपी
■ छात्रा की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट, जो रेनू अल्ट्रासाउंड के टेक्नीशियन ने विशाल के व्हाट्सएप पर भेजी
■ छात्रा का गर्भपात करने वाले झोलाछाप का कबूलनामा
■ अस्पताल में मौजूद गर्भपात व ऑपरेशन के उपकरण
■ रेनू अल्ट्रासाउंड सेंटर की सीसीटीवी जिसमें छात्रा को ले जाने वाले कैद हैं
फरीदपुर के कई अस्पतालों का किया निरीक्षण
एसीएमओ डॉ. राकेश ने टीम के साथ फरीदपुर के कई अस्पतालों का निरीक्षण किया। अस्पतालों के संचालकों को पंजीकरण के अभिलेख दिखाने के लिए नोटिस दिया। इस दौरान सभी फर्जी क्लीनिक और अस्पताल बंद करके भाग निकले। पूरे दिन हड़कंप मचा रहा। इसी बीच झोलाछाप और उसके गिरोह पर कार्रवाई की मांग करते हुए विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने थाने में नारेबाजी की। उन्होंने इंस्पेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसमें विभाग संयोजक रचित शर्मा एवं सूरज मिश्रा तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि दूसरे समुदाय के झोलाछाप हिंदू लड़कियों के शोषण कर रहे हैं और खुलेआम गर्भपात कराया जा रहा है।
दो अवैध क्लीनिक और एक्सरे सेंटर को किया सील
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को नकटिया, फरीदपुर में कई जगह चेकिंग अभियान चलाया। एसीएमओ डॉक्टर राकेश ने फरीदपुर में अल्ट्रासाउंड सेंटर सील करने के बाद नकटिया में अवैध रूप से संचालित हो रही दो क्लीनिक सील कर दी। दोनों जगह संचालक पंजीकरण के दस्तावेज नहीं दिखा सके। एसीएमओ डॉक्टर राकेश ने उनको सील कर दिया। उसके बाद टीम ने इंडियन एक्स-रे केंद्र की भी जांच की। मौके पर वहां कार्य स्टाफ पंजीकरण के दस्तावेज नहीं दिखा सका। उसे भी सील कर एक्सरे करने पर रोक लगा दी गई है।
अब एमओआईसी को बनाया जिम्मेदार
फरीदपुर में अवैध अस्पताल पकड़े जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी अब पूरे मामले से पल्ला झाड़ने लगे हैं। अफसर ने छह माह पहले का आदेश बदल दिया और अब सभी सीएचसी के प्रभारियों को निर्देश दिया है कि अवैध अस्पताल और झोलाछाप की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। जबकि छह माह पहले मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से आदेश जारी कर एमओआईसी को झोलाछाप और अवैध अस्पतालों के खिलाफ सीधे मुकदमा दर्ज कराने से रोक दिया गया था। किसी भी कार्रवाई पहले सीएमओ की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बीते 12 दिसंबर को सभी सीएचसी के प्रभारी अधीक्षकों को आदेश जारी किया था। कार्रवाई करने या एफआईआर कराने से पहले उनकी से अनुमति लेना जरूरी है।

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