गंगापुर में पल्लेदार कल्लू खागी का परिवार रहता था। वह पल्लेदारी और बोरों की सिलाई कर ईमानदारी से परिवार पालते थे। राजीव कुमार खागी, उसका भाई गौरीशंकर, हरिओम, राधे और संजय, कल्लू खागी के पांच बेटे थे। गंगापुर से निकलने के बाद राजीव कुमार से राजीव राना बन गया। संजयनगर में डा. केएम अरोड़ा वाली गली में परिवार के लोग रहने लगे। यहीं से वह आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गये। प्रापर्टी डीलिंग का धंधा शुरू कर दिया। इसके पीछे कई और काले कारनामे चलते रहे। बीस सालों में राजीव कुमार से वह राजीव राणा बन गया। भाजपा नेताओं का साथ मिलने के बाद उसने सुरेश शर्मा नगर में रामायण के नाम से अपना आवास बनाया। इसके बाद शहर की हर विवादित प्रापर्टी को खरीदने, बेचने और कब्जा करने का सिलसिला चल निकला। राजीव राना ने गुरुवार को सरेंडर किया है, लेकिन उसके चारो भाई फरार चल रहे हैं। वह मुकदमे में नामजद हैं।
राजीव राना ने पीलीभीत बाईपास से पहले सौ फुटा रोड पर राजीव इंक्लेव और राजीव कुंज के नाम से कालोनी बना डालीं। कालोनी बीडीए से स्वीकृत नहीं हैं। उनमें सीलिंग, चकरोड और तालाब की जमीन है। बीडीए ने एक बार कालोनी ध्वस्त करने की कोशिश की, लेकिन राना के रसूख के आगे टीम को बैरंग लौटना पड़ा। कालोनी के ध्वस्तीकरण के नोटिस कई बार जारी हो चुके हैं। संजयनगर मोड़ पर चतुर्भुज लाला के बाग में अवैध मार्केट बना डाली। बैंक को किराये पर दी गई बिल्डिंग भी पार्क की जमीन पर बनी हुई है। महानगर के सामने सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे बेच दिया। बीडीए के इंजीनियर ने एफआईआर दर्ज कराई। उसमें से राजीव कुमार का नाम निकल गया। बिलवा में बदनाम बिल्डरों की पार्टनरशिप में प्लाटिंग की। बिलवा में भी राजीव राना के पास करोड़ों की जमीन है।
राजीव राना के भाई राधे, संजय और उनका दोस्त हिस्ट्रीशीटर रोहित ठाकुर हत्या के मुकदमे में नामजद हो चुके हैं। उन्होंने फरीदपुर के रहने वाले युवक चिंटू की हत्या कर उसकी लाश गायब कर दी थी। इसके बाद उन पर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में फाइल की थी। फायरिंग में राना के भाइयों के साथ हिस्ट्रीशीटर रोहित ठाकुर भी था। सड़क पर खड़े होकर गोलियां चलाते रोहित ठाकुर का पिछले शनिवार को वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद आदित्य उपाध्याय ने रोहित ठाकुर पर गाड़ी चढ़ा दी। इसमें उसका पैर टूट गया था। पुलिस कस्टडी में सिद्धि विनायक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। इलाज का खर्च एक लाख से ऊपर पहुंच गया है। अब राजीव राना और उसके भाई इलाज के रुपये भी नहीं दे रहे हैं।
हिस्ट्रीशीटर केपी यादव चैना गांव का रहने वाला है। रिठौरा नगर पंचायत में पार्षद है। राजीव राना के भाइयों का दोस्त और शहर में जमीनों पर अवैध कब्जे करवाने का भाड़े का कांट्रेक्टर है। उसकी मां सिपाही है। हाल ही में इज्जतनगर थाने में तैनात रहीं हैं। केपी यादव पर कई आपराधिक मुकदमे हैं। उसने कोर्ट में सरेंडर अर्जी डाल रखी है। 29 जून को उसके मामले में सुनवाई होनी है। हिस्ट्रीशीटर केपी यादव फरार है। वह भी राना स्टाइल में सरेंडर करने की तैयारी में है। कुछ पुलिस वाले उसके संपर्क में हैं।