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जिन्न ने तांत्रिक को मना किया, लेकिन तब तक कर दी लेखपाल की हत्या, जाने सनसनीखेज वारदात का राज

फरीदपुर में फिरौती के लिये लेखपाल को किडनैप किया गया था। एक किडनैपर तांत्रिक ने जिन्न से पूछा कि काम कर लें, लेकिन ऊपर से मना हो गया। हालांकि तब तक तांत्रिक के दोस्त लेखपाल मनीष की मफलर से गला दबाकर हत्या कर चुके थे।

बरेलीDec 16, 2024 / 05:42 pm

Avanish Pandey

बरेली। फरीदपुर में फिरौती के लिये लेखपाल को किडनैप किया गया था। एक किडनैपर तांत्रिक ने जिन्न से पूछा कि काम कर लें, लेकिन ऊपर से मना हो गया। हालांकि तब तक तांत्रिक के दोस्त लेखपाल मनीष की मफलर से गला दबाकर हत्या कर चुके थे। एसएसपी अनुराग आर्य ने लेखपाल मनीष हत्याकांड का सोमवार को खुलासा कर दिया। एसएसपी ने दावा किया कि कपड़ों और हत्यारोपियों की निशानदेही के आधार पर नाले के पास मिला कंकाल मनीष का ही है। हालांकि इसकी वैज्ञानिक पुष्टि के लिये कंकाल का डीएनए टेस्ट कराया जायेगा। पुलिस को गिरफ्तार दोनों हत्यारोपियों के पास से आडियो रिकार्डिंग और कुछ अहम साक्ष्य मिले हैं। जिससे इस दावे की पुष्टि हो रही है कि लेखपाल की हत्या चार लाख रुपये फिरौती वसूलने के लिये उसके कुछ रिश्तेदार और जानने वालों ने की है।

अभी रिचार्ज मत करो, काल मत करो, वरना फंस जाओगो, जितनी भी नपोर है, उसको ठिकाने लगा दो।

हत्या करने वाले ओमवीर और नन्हे तांत्रिक पर फरीदपुर थाने में कई मुकदमें चल रहे हैं। फरीदपुर के ग्राम कपूरपुर मूलनिवासी व हाल निवासी कैंट के मिर्जापुर के 34 वर्षीय ओमवीर उर्फ अवधेश पुत्र महेशपाल पर फरीदपुर थाने में तीन मुकदमें दर्ज हैं। फतेहगंज पूर्वी थाने के ग्राम नगरिया कला के रहने वाले 46 वर्षीय तांत्रिक नन्हे पुत्र सुखराम पर फरीदपुर थाने में मुकदमा चल रहा है। हत्यारोपी ओमवीर हाल ही में जेल से छूटा था। उसके पास रुपयों की तंगी थी। उसकी दो पत्नियां हैं। एक पत्नी बरेली और दूसरी नोएडा रहती है। उसके बैंक खाता भी जीरो है। रुपयों की जरूरत होने के कारण उसने किडनैपिंग का जाल बुना, बाद में पकड़े जाने के डर से लेखपाल की हत्या कर दी। पुलिस को उनके मोबाइल से दो आडियो रिकार्डिंग भी मिली हैं। जिसमें एक कह रहा है कि रिचार्ज कर दें, काल करें। दूसरा कह रहा है कि अभी रिचार्ज मत करो, काल मत करो, वरना फंस जाओगे, मामला गरम है। जितनी भी नपोर है। उसे ठिकाने लगा दो। इसके बाद ही आरोपियों ने शव को नाले के पास फेंका।

फार्म हाउस पर रखकर फिरौती वसूलने की थी प्लानिंग

27 नबंवर को लेखपाल को ओमवीर ने शराब पिलाने के बहाने बुलाया और कार में बैठाकर ले गया। आरोपियों की लेखपाल को एक सरदार के खाली पड़े फार्म हाउस में कैद करके रखने की योजना थी, लेकिन फार्म हाउस में काम करने वाला कर्मचारी नेत्रपाल डर गया। उसने फार्म हाउस में रखने से मना कर दिया। उसके बाद ओमवीर, नन्हें, सूरज और नेत्रपाल कार में मनीष बैठाकर वहां से निकल गये। मनीष बेहोश था। रास्ते में मफलर से गला कसकर उसकी हत्या कर दी।

लेखपाल के परिजनों से चल रही थी फिरौती मांगने की तैयारी

लेबर ठेकेदार के तौर पर काम करने वाला ओमवीर उर्फ अवधेश अपने मामा फतेहगंज पूर्वी क्षेत्र निवासी तांत्रिक नन्हे कश्यप से बात करते सुना गया। इसमें वह नन्हे से फिरौती वसूलने की बात कह रहा था। इस पर नन्हे ने कहा कि मामला अभी गरम है। ठंडा पड़ेगा तब लेखपाल के परिवार से संपर्क करेंगे। हालांकि पुलिस को इस समय तक यह नहीं पता था कि लेखपाल की हत्या हो चुकी है। रविवार सुबह एसओजी प्रभारी सुनील शर्मा और उनकी टीम ने जब ओमवीर को पकड़ा तो भी वह गुमराह करता रहा। सख्ती करने पर वह टूट गया और हत्या की बात कबूल कर ली।

जलकुंभी की वजह से नजर नहीं आया शव, उसी रात कर दी थी हत्या

लेखपाल की हत्या उसी रात कर दी गई थी। जिस रात आरोपी उसे घर से बुलाकर ले गये थे। हत्या के बाद उन्होंने शव को नाले में फेंक दिया। जलकुंभी की वजह से शव राहगीरों को नजर नहीं आया। गीदड़ और जानवरों ने शव को खा लिया। इस वजह से केवल खोपड़ी का कंकाल मिला। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि सर्विलांस व अन्य स्रोतों से की गई जांच से अभी तक चार आरोपियों के घटना में शामिल होने की पुष्टि हुई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद और साक्ष्य मिलेंगे तो जांच में शामिल किए जाएंगे। फरार सूरज और नेत्रपाल की तलाश में पुलिस टीमें लगी हैं।

फरीदपुर पुलिस की प्रारंभिक जांच के आदेश

एसएसपी के आदेश पर एसओजी के साथ थाने की टीमों को लगाया गया था। इसमें फरीदपुर थाना प्रभारी राहुल सिंह, फतेहगंज पश्चिमी थाना प्रभारी प्रदीप कुमार चतुर्वेदी, फतेहगंज पश्चिमी के दरोगा पुनीत मेहरा, थाना फरीदपुर के सिपाही अमरजीत, प्रशान्त और थाना फतेहगंज पश्चिमी के सिपाही इरशाद शामिल रहे। 27 को लापता होने के बाद दो दिसंबर को एडीजी के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। परिवार वालों ने पुलिस पर पर लापरवाही का आरोप लगाया। पुलिस ने परिवार को विश्वास में नहीं रखा। इसको लेकर एसएसपी ने पुलिस के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश दिये थे। सीओ की जांच के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जायेगी।

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