भाई के मर्डर में फंसने के डर से की हत्या
पूछताछ में ब्रजेश ने बताया कि पूरन, पवन और अर्जुन ने पुष्पेंद्र के छोटे भाई की दिन दहाड़े गोलियां मारकर हत्या की थी। उस मामले की पैरवी पुष्पेंद्र कर रहा था। आरोपियों को डर था कि उन्हें उस मामले में सजा हो सकती है। इसलिए सभी लंबे समय से पुष्पेंद्र को मारने की योजना बना रहे थे। ब्रजेश ने बताया कि पुष्पेंद्र को पहले कई बार धमकी भी दी गई। जिसकी वजह से वह गांव छोड़कर शहर में रहने आ गया।
लंबे समय से बनाई जा रही थी हत्या की योजना
हत्या से करीब एक माह पहले ही सभी लोगों ने मिलकर एक मीटिंग की थी, उस मीटिंग में वह भी शामिल था। उसी मीटिंग में तय हो गया था कि पुष्पेंद्र को कैसे मारना हैं। इसके बाद हत्या से एक दिन पहले सूचना मिली कि पुष्पेंद्र गांव आ रहा है तो सभी ने एक माह पहले बनी योजना को अंतिम रूप देने की तैयारी कर ली। षड्यंत्र के तहत सरेंडर करके जेल गए पूरनलाल ने जेल से ही पूरी योजना बनाई।
बचने के लिए बागेश्वर भाग गया था ब्रजेश
हत्या वाले दिन से एक दिन पहले ही ब्रजेश बागेश्वर धाम चला गया। जिससे किसी को शक न हो। जब पांच नवंबर को हत्या कर दी गई तो ब्रजेश ने अपना फोन बंद कर लिया। कुछ दिन बाद परिवार को भी पहाड़ों पर बुलाकर लंबे समय तक वहीं रहने की योजना था। परिवार को लेकर पहाड़ों पर पहुंचते इससे पहले ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उसे जेल भेज दिया गया है।
चार गिरफ्तार, छह अभी भी फरार
खरदाह गांव निवासी पुष्पेंद्र की पांच नवंबर को शाम करीब 4 .30 बजे पेट्रोल पंप से कुछ ही दूरी पर चार गोलियां मारकर हत्या की गई। स्वजन ने गांव के ही हिस्ट्रीशीटर पूरनलाल और उसके परिवार वालों पर आरोप लगाते हुए 10 नामजद लोगों के विरुद्ध भुता थाने में रिपोर्ट लिखाई थी। मामले में पुलिस अभी तक चार नामजद और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर चुकी है।