इस्लाम में महिलाओं के सम्मान का प्रतीक
मौलाना शहाबुद्दीन ने अखिलेश यादव के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि बुर्का इस्लाम में महिलाओं की इज्जत और सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हिंदू धर्म में महिलाएं घूंघट पहनकर चलती हैं, उसी तरह इस्लाम में महिलाएं बुर्का पहनती हैं। मौलाना ने जोर देते हुए कहा कि अगर मतदान के दौरान किसी महिला का बुर्का उठाकर देखा जाता है तो यह न केवल गलत है, बल्कि यह महिलाओं की निजता और सम्मान का उल्लंघन भी है।
महिलाओं का बुर्का उठाकर चेहरे देखें महिला कर्मी
मौलाना ने इस मसले पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यदि चुनाव के दौरान सुरक्षा संबंधी कोई कदम उठाना है, तो इस प्रक्रिया में एक महिला कर्मचारी की मौजूदगी अनिवार्य होनी चाहिए, जो सुरक्षा जांच कर सके। उन्होंने सुरक्षा के नाम पर पुरुष कर्मचारियों द्वारा बुर्का उठाने की प्रक्रिया की कड़ी निंदा की और इसे महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन बताया।