उन्होंने कहा कि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कॉमन सिविल कोड को लेकर लाल किले से दिए गए भाषण से भारत के मुसलमान संतुष्ट नहीं हैं। अगर ये लागू होता है, तो इससे समाज का ताना- बाना टूट जाएगा। हर समाज और हर कौम के अलग- अलग नियम होते है। जिंदगी गुजारने के ऐसे वसूल होते है, जो समान नागरिक संहिता में नहीं आ सकता। मेरा मानना है कि हर मजहब का अपना- अपना उसूल है।
यूसीसी लागू होने से समाज का खत्म हो जाएगा भाईचारा
उन्होंने कहा कि एक उसूल और एक कानून हमारे भारत में नहीं हो सकता। भारत में सभी धर्म के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। इसके लागू होने से समाज का भाईचारा खत्म हो जाएगा। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री मोदी से अपील करूंगा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने की कोशिश न करें।
देश में सेकुलर सिविल कोड हो: पीएम मोदी
लाल किले से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार- बार यूसीसी को लेकर चर्चा की है। अनेक बार आदेश दिए हैं। देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं, वो सचमुच में एक कम्युनल और भेदभाव करने वाला है। पीएम ने कहा कि जो कानून धर्म के आधार पर बांटते हैं, ऊंच- नीच का कारण बनते हैं, उन कानूनों का आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता। अब देश की मांग है कि देश में सेकुलर सिविल कोड हो।
भारत में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता होनी चाहिए: पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि यह समय की मांग है कि भारत में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता होनी चाहिए। हम 75 साल सांप्रदायिक नागरिक संहिता के साथ जी रहे हैं। अब हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की ओर बढ़ना होगा, तभी धर्म आधारित भेदभाव खत्म होगा। इससे आम लोगों में जो अलगाव की भावना है, वह भी खत्म होगी।