बरेली

हाईकोर्ट ने नगर आयुक्त को जारी किया नोटिस, विज्ञापन की अवमानना के मामले में फंसे

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरेली नगर निगम द्वारा बनाए गए 2020 के विज्ञापन उपविधि को नियमों का उल्लंघन मानते हुए पहले ही रद्द कर दिया था।

बरेलीNov 05, 2024 / 09:08 pm

Avanish Pandey

बरेली। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरेली नगर निगम द्वारा बनाए गए 2020 के विज्ञापन उपविधि को नियमों का उल्लंघन मानते हुए पहले ही रद्द कर दिया था। इसके बावजूद नगर निगम ने हाईकोर्ट के निर्देशानुसार नई विज्ञापन उपविधि बनाने की प्रक्रिया नहीं शुरू की। इस पर हाईकोर्ट ने नगर आयुक्त को नोटिस जारी किया है और एक सप्ताह में जवाबी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए नगर आयुक्त को शपथपत्र दाखिल करना होगा जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि आदेश का पालन किस प्रकार से किया गया है।

कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन न करने पर नोटिस

विज्ञापन उपविधि को लेकर यह मामला एक नई दिशा में पहुंच गया है। पूर्व में हाईकोर्ट ने नगर निगम की 2020 की विज्ञापन उपविधि को निरस्त करते हुए कहा था कि निगम को अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए नई विज्ञापन नीति तैयार करनी चाहिए। कोर्ट के निर्देशों का पालन न होने पर अब नगर आयुक्त को एक माह में शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि अगली सुनवाई तक इसका अनुपालन नहीं होता है, तो नगर आयुक्त को अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए गए हैं।

नगर निगम के विज्ञापन टेंडर में की थी गड़बड़ी

बरेली नगर निगम में विज्ञापन टेंडर देने में अनियमितता का मामला सामने आया था। आरोप था कि निगम अधिकारियों ने मिलीभगत से विज्ञापन का ठेका गलत तरीके से दिया। तत्कालीन कमिश्नर ने इस मामले की जांच करवाई थी, जिसमें टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता पाई गई थी। जांच के बावजूद दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और जिस कंपनी को ठेका दिया गया था, उसे दो साल बाद नवीनीकरण का लाभ भी मिल गया।

तीन कंपनियों ने भरा था टेंडर

2022 में तीन कंपनियों ने विज्ञापन का टेंडर भरा था, जिसमें “एडटैक प्रिंट एंड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड” को 4.11 करोड़ रुपये में ठेका दे दिया गया। इस मामले में बन्नूवाल नगर निवासी हरीश कुमार, जो शिव सांई एडवरटाइजिंग के मालिक हैं, ने शिकायत दर्ज कर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया। कोर्ट ने नगर निगम की 2020 की उपविधि को अवैध घोषित करते हुए इसे निरस्त किया और नगर निगम को निर्देश दिया कि अधिनियम का पालन करते हुए नई विज्ञापन उपविधि तैयार की जाए, जो अब तक नहीं की गई है।
हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि नगर आयुक्त आगामी माह में कोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें और इसका प्रमाण शपथपत्र के रूप में दाखिल करें। आदेश का अनुपालन न होने पर नगर आयुक्त को अगली सुनवाई पर कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा।

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