राजकीय हथिनी गंगाकली को गुड़ और केला खिलाया
दुधवा पहुंचे मेहमानों ने राजकीय हथिनी गंगाकली को गुड़ और केला खिलाकर शुभकामनाएँ दीं। पर्यटकों को पहले दिन जंगल सफारी का आनंद मुफ्त में प्रदान किया गया, जिसके लिए वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय सैलानी और स्कूली बच्चों की भीड़ देखने को मिली। बच्चों ने रंगोली भी सजाई और उन्हें भी पहले दिन निशुल्क सफारी का मौका दिया गया। दुधवा, पीटीआर और कतर्निया में इस बार लैपर्ड हट और टाइगर कैम्प पर्यटकों के रुकने के लिए तैयार किए गए हैं। इन हट्स का नाम जंगल के विभिन्न जानवरों के नाम पर रखा गया है ताकि पर्यटक प्राकृतिक जीवन से और जुड़ सकें। इस सत्र में कतर्निया घाट में चार लैपर्ड हट और दो टाइगर कैम्प पूरी तरह से बुक हो चुके हैं, जबकि दुधवा में 20 सांझा कुटीर भी आठ तारीख तक फुल हैं। चूका में बनाए गए एक ट्री हट की बुकिंग भी पूरी हो गई है, और यहां चार थारू हट्स में से तीन भी बुक हो चुके हैं। इसी तरह, मोतीपुर रेंज में थारू हट्स को भी पूरी तरह से बुक कर लिया गया है।
दुधवा के सैलानियों के लिए 90 गाइड तैयार, पर्यावरण से जोड़ने का प्रयास
दुधवा नेशनल पार्क में गाइडों की चयन प्रक्रिया पूरी कर 90 गाइडों को नियुक्त किया गया है, जो पर्यटकों को जंगल का भ्रमण कराते हुए दुधवा के इतिहास, वन्यजीवों और पर्यावरण के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। इनमें से 55 गाइड दुधवा रेंज में और 35 गाइड किशनपुर रेंज में नियुक्त किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, करीब 60 जिप्सी और अन्य वाहनों को भी पर्यटकों को जंगल सफारी का अनुभव कराने के लिए तैयार किया गया है। इस अनोखे प्रयोग के तहत, पर्यटकों को जंगल और वन्यजीवों के प्रति जागरूक करने की कोशिश की जा रही है। जंगल को समर्पित इन हट्स और कॉटेज के जरिए पर्यटक जंगल में रहते हुए प्रकृति के करीब महसूस करेंगे। सभी हट्स और डॉरमेट्री को खास तौर पर डिजाइन किया गया है, ताकि पर्यावरण की सुंदरता और उसके प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा दिया जा सके।
शेड्यूल से नौ दिन पहले शुरू हुआ पर्यटन सत्र, बाघों के दीदार की संभावना
पीलीभीत में पर्यटन सत्र का शुभारंभ मुस्तफाबाद में किया गया। इसमें डीएम, वन अधिकारी और अन्य अधिकारियों का जमावड़ा रहा। इस बार केवल जोन-2 को ही सैलानियों के लिए खोला गया है। इस दौरान पर्यटकों को बाघ और अन्य वन्यजीवों के दीदार का मौका मिलेगा। हर दिन आने वाले सैलानियों की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, और सैलानियों द्वारा देखे गए वन्यजीवों का भी रिकॉर्ड रखा जाएगा। इस बार पर्यटन सत्र अपने निर्धारित समय से नौ दिन पहले शुरू हो रहा है, जबकि इसी साल जून में इसका समापन दस दिन देर से हुआ था।