दीपमाला हास्पिटल : आयुष्मान कार्डधारक को धक्के देकर निकाला, फ्री में इलाज नहीं, सरकारी अस्पताल में चूरन-चटनी की गोली खा लो।”
मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी और आम आदमी के इलाज के लिये रामबाण साबित हो रही आयुष्मान योजना की साख पर बरेली के दीपमाला हास्पिटल के डाक्टर सोमेश मेहरोत्रा ने सवाल खड़े कर दिये हैं।
बरेली। मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी और आम आदमी के इलाज के लिये रामबाण साबित हो रही आयुष्मान योजना की साख पर बरेली के दीपमाला हास्पिटल के डाक्टर सोमेश मेहरोत्रा ने सवाल खड़े कर दिये हैं। उन्होंने मरीज और उसके तीमारदार से कहा कि तुम्हें फ्री (आयुष्यमान योजना) में इलाज नहीं मिलेगा, सरकारी अस्पताल में जाकर चूरन-चटनी की गोली खा लो।” छह हजार रुपये का इंजेक्शन 2200 रुपये में कहां से लगा दूं। यह कहते हुये डाक्टर और उनके स्टाफ ने आयुष्मान कार्डधारक से अभद्रता की। उसे आईसीयू से धक्के देकर बाहर निकाल दिया।
आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है। बरेली के दीपमाला अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें डॉक्टर मरीज के तीमारदार से अभद्रता करते हुए उन्हें आईसीयू से बाहर निकालते दिख रहे हैं। दीपमाला अस्पताल के इस वायरल वीडियो में डॉक्टर तीमारदार से बहस करते हुए नजर आते हैं। आरोप है कि डॉक्टर ने आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त इलाज की बात सुनकर तीमारदार को आईसीयू से धक्के देकर बाहर निकाल दिया। डॉक्टर तीमारदार को कहते सुने गए, “फ्री में तुम्हें इलाज नहीं मिलेगा, सरकारी अस्पताल में जाकर चूरन-चटनी की गोली खा लो।”
सरकारी अस्पताल का बजट ज्यादा, नेता अफसर खा जाते हैं
डॉक्टर ने यह भी कहा, “सरकारी अस्पताल का बजट ज्यादा है, लेकिन नेता और अफसर खा जाते हैं। तुम मेरे अस्पताल में मत आना। सरकारी सुविधा पर जिंदा रहना।” इस घटना के बाद डॉक्टर ने तीमारदार को आईसीयू से बाहर निकाल दिया। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है। डॉक्टर ने निजी अस्पतालों पर मिलने वाले कम भुगतान का हवाला दिया, जबकि तीमारदारों का कहना है कि मरीजों को मुफ्त इलाज का हक मिलना चाहिए। वायरल वीडियो ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मामले में कार्रवाई और योजना के क्रियान्वयन में सुधार की मांग जोर पकड़ रही है।
डॉक्टर सोमेश ने दी सफाई
इस विवाद के बाद दीपमाला अस्पताल के डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा ने सफाई देते हुए कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज की दरें पहले से तय होती हैं। मरीजों को यह समझना चाहिए कि हर बीमारी पर पांच लाख रुपये तक खर्च नहीं हो सकते। डॉक्टर ने बताया कि विवाद जिस इंजेक्शन को लगाने को लेकर हुआ, वह आयुष्मान कार्ड के अप्रूवल से पहले का मामला था। उन्होंने कहा, “जो भी मैंने कहा, वह फ्रस्ट्रेशन में कहा। मेरी सरकार या किसी जनप्रतिनिधि से कोई शिकायत नहीं है। लेकिन बीते चार महीने से आयुष्मान योजना के तहत किए गए इलाज का भुगतान नहीं हुआ है।”
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