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बरेली

हत्या की सुपारी : 200 रुपये के नोटों ने खोली पोल, एडीजी ने कराई बदायूं में इंस्पेक्टर और हेड मोहर्रिर पर एफआईआर

साधना हत्याकांड में बरामद रकम के नोटों में 200 रुपये के नोट मिलने से पुलिस पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ का आरोप लगा है।

बरेलीNov 10, 2024 / 11:17 am

Avanish Pandey

बदायूं। साधना हत्याकांड में बरामद रकम के नोटों में 200 रुपये के नोट मिलने से पुलिस पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ का आरोप लगा है। पीड़ित पक्ष की शिकायत पर जब मामले की जांच हुई, तो सामने आया कि पुलिस ने जो नोट कोर्ट में पेश किए, उनमें 200 रुपये के नोट भी शामिल थे, जबकि बरामदगी के समय यह नोट चलन में नहीं थे। एडीजी के निर्देश पर इस मामले में मृतक साधना शर्मा की बहन विपर्णा गौड़ की ओर से इंस्पेक्टर मनोज कुमार और हेड मोहर्रिर अनुज कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।

2016 में हुई थी अधिवक्ता साधना शर्मा की हत्या

23 मई 2016 को, अधिवक्ता साधना शर्मा की उझानी से न्यायालय लौटते वक्त कार से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपियों में पीसी शर्मा, उनकी पत्नी कमलेश शर्मा, गिरीश मिश्रा, श्रद्धा गुप्ता, मस्ताना, नरेंद्र उर्फ पिंटू, राजू उर्फ रियाज, यासीन बाबा, इशरत, और मोहब्बत शामिल थे। मई 2017 में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सिकंदर खां ने आरोपी नरेंद्र उर्फ पिंटू को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से 4600 रुपये बरामद किए थे। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, इस राशि में 2000 रुपये का एक नोट, 500 के तीन नोट, और 100 के 11 नोट शामिल थे।

पुलिस ने मालखाने में बदल दिए नोट

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने 4600 रुपये की ही राशि पेश की, पर इस बार नोटों का संयोजन बदला हुआ था। इसमें 500 के पांच, 200 के पांच और 100 के 11 नोट थे। इस बदलाव पर कोर्ट ने उझानी थाना पुलिस से जवाब मांगा कि नोटों में अंतर कैसे आया। 17 नवंबर 2023 को उझानी थाना से कोर्ट में पहुंचे इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने बयान दिया कि विवेचक ने वही नोट पेश किए थे, जो बरामद किए गए थे, और अगर नोट बदल गए हैं, तो इसकी जिम्मेदारी विवेचक की है।

चलन में ही नहीं थे 200 के नोट, पुलिस ने मालखाने में कर दिये दाखिल

इस बीच, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया से यह जानकारी मंगाई गई कि 200 रुपये के नोट कब से चलन में आए। रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि मई 2017 में, जब पिंटू से रुपये बरामद हुए, उस समय 200 के नोट प्रचलन में नहीं थे। साधना की बहन विपर्णा ने इस मामले की शिकायत एडीजी से की, जिसके बाद उझानी के इंस्पेक्टर मनोज कुमार और हेड मोहर्रिर अनुज कुमार के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने, न्यायालय को गलत रिपोर्ट देने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।

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