केंद्र की ओर से विस्तृत दिशा निर्देश जारी बता दें कि राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए केंद्र सरकार की तरफ से विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के छात्र ने कक्षा सात में कम से कम 50 फीसदी जबकि सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र ने कम से कम 55 फीसदी अंक प्राप्त किए हों। इस छात्रवृत्ति परीक्षा को उत्तीर्ण करने पर कक्षा 9 से 12 तक चार वर्ष के लिए 1000 रुपए प्रतिमाह की छात्रवृति प्राप्त होती है।
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प्राइवेट कॉलेज की मनमानी खत्म: अब हर कोर्स के हिसाब से होगी फीस, UP सरकार की लिस्ट जारी हर स्कूल से कम से कम 10 आवेदन हों मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र में प्रवक्ता यशिका वर्मा के मुताबिक, अभी तक डेढ़ लाख रुपए सालाना इनकम वाले परिवार के छात्रों को राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा देने का मौका दिया जा रहा था। जिसके चलते आवेदनों की संख्या काफी कम होने लगी। वहीं स्कॉलरशिप भी लैप्स होने लगी थी। इसलिए शासन की तरफ से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि हर स्कूल से कम से कम 10 आवेदन भेजे जाएं। इसके लिए अभी से छात्रों को चयनित कर स्कूलों को उनकी तैयारी कराने का निर्देश दिया गया है।
अभी से बनवाएं आय और जाति प्रमाण पत्र गौरतलब है कि परीक्षा के फॉर्म सितंबर-अक्टूबर में आते हैं। ऐसे में अभी से ही छात्रों के अभिभावकों को आय और जाति प्रमाण पत्र बनवा लेने की बात कही गई है, जिससे फार्म भरते समय कोई दिक्कत नहीं हो। वहीं इस बार परीक्षा में पूरे प्रदेश के 15143 छात्रों का लक्ष्य तय किया गया है। बरेली मंडल के 897 छात्रों को वजीफा मिलेगा। इसमें बरेली जिले के 283, बदायूं के 236, पीलीभीत के 160 और शाहजहांपुर के 218 छात्र शामिल हैं।
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लखनऊ यूनिवर्सिटी ने PhD करने वालों के लिए बदला नियम, अब छात्रों को मिलेगा बड़ा फायदा साल 2020 में हुए सके कुल 23 आवेदन राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित परीक्षा के लिए वर्ष 2020 में बरेली से सिर्फ 23 आवेदन हुए थे। इस कारण वजीफे का एक करोड़ 33 लाख रुपया लैप्स हो गया था। हिन्दुस्तान ने इसे लेकर कई खबरें लिखी थी। इसके बाद पूरे जिले में आवेदन बढ़ाने के लिए अभियान शुरू हुआ। उसका बड़ा लाभ मिला। सत्र 2021-22 में जिले में 541 छात्रों ने आवेदन किया।