घर को बना दिया कंपनी का ऑफिस
राज्यकर अपर आयुक्त ग्रेड-1 एचपी राव दीक्षित के अनुसार, तीनों फर्मों का कार्यस्थल बताया गया स्थान वास्तव में एक आवास निकला। टैक्स चोरी की सूचना मिलने पर छापा मारने गई टीम को प्लैनेटॉक्स, जील एंड जेस्ट, और न्यूडॉक्स नाम से पंजीकृत फर्में मिलीं। फर्मों के मालिक और डायरेक्टर के रूप में भाई-बहन पाए गए, जो इन फर्मों के कारोबार के जरिए वित्तीय अनियमितताओं में संलिप्त थे।
फर्जी फर्मों से खरीदारी और फर्जी स्टॉक की हेराफेरी
न्यूडॉक्स फर्म को ईंधन ट्रेडिंग के लिए पंजीकृत किया गया था, लेकिन इस फर्म ने न तो कोई ई-वे बिल जारी किया था और न ही सही तरीके से बिक्री और खरीद दर्ज की थी। जांच में पता चला कि महाराष्ट्र की एक फर्जी फर्म से 90 लाख रुपये की खरीदारी दर्शाई गई थी। इसी प्रकार, प्लैनेटॉक्स फर्म भी फर्जी मार्केट सर्विस की सप्लाई दर्शा रही थी, जिसमें कोई टैक्स जमा नहीं किया गया। प्रारंभिक जांच में 16 लाख की टैक्स चोरी सामने आई, जिसमें चार लाख रुपये का भुगतान कराया गया।
गिरते कारोबार में किया हेरफेर
जील एंड जेस्ट, जो ईंधन ट्रेडिंग में पंजीकृत थी, ने वर्ष 2021-22 में 54 करोड़ का टर्नओवर दिखाया था। हालांकि, अगले वर्ष यह घटकर केवल 3.78 करोड़ रह गया, जबकि इस वित्तीय वर्ष में अब तक सिर्फ 41 लाख रुपये का टर्नओवर घोषित किया गया है। कागजी रिकॉर्ड के अनुसार इस फर्म को करीब 80 लाख का स्टॉक होना चाहिए था, लेकिन मौके पर कोई स्टॉक नहीं मिला। प्राथमिक जांच में 15 लाख की टैक्स चोरी पाए जाने पर चार लाख रुपये जमा कराए गए।